Delhi-NCR Air Quality Index: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता संकट, एक्यूआई 400 पार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के स्तर ने चिंता बढ़ा दी है. रविवार सुबह 7:30 बजे तक राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 366 अंक पर पहुंच गया था, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है.
नई दिल्ली, 24 नवंबर : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के स्तर ने चिंता बढ़ा दी है. रविवार सुबह 7:30 बजे तक राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 366 अंक पर पहुंच गया था, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है. इसके अलावा, दिल्ली एनसीआर के अन्य प्रमुख शहरों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्थिति में रहा.
दिल्ली से सटे शहरों की बात करें तो फरीदाबाद में एक्यूआई 309, गुरुग्राम में 240, गाजियाबाद में 312, ग्रेटर नोएडा में 304 और नोएडा में 309 अंक रहा. ये सभी शहर भी खराब श्रेणी में आते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत देते हैं. दिल्ली के आठ प्रमुख इलाकों में एक्यूआई का स्तर 400 के ऊपर और 500 तक पहुंच गया है. अलीपुर में 410, आनंद विहार में 412, नेहरू नगर में 408, विवेक विहार में 404, वजीरपुर में 409 अंक दर्ज किए गए हैं. इन इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है, जो सीधे तौर पर नागरिकों की सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकती है. यह भी पढ़ें : झारखंड: हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल के चार मंत्री विधानसभा चुनाव हारे
इसके अलावा, दिल्ली के कई अन्य क्षेत्रों में भी प्रदूषण का स्तर काफी उच्च है. अशोक विहार में 392, आया नगर में 313, बुराड़ी क्रॉसिंग में 362, चांदनी चौक में 353, मथुरा रोड में 354, डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में 356, द्वारका सेक्टर 8 में 400, आईजीआई एयरपोर्ट में 327, दिलशाद गार्डन में 380, आईटीओ में 320, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 340, लोधी रोड में 302, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 372, मंदिर मार्ग में 328, नजफगढ़ में 319, नॉर्थ कैंपस डीयू में 348, एनएसआईटी द्वारका में 319, ओखला फेस 2 में 371, पटपड़गंज में 388, पंजाबी बाग में 370, पूषा में 327, आरके पुरम में 373, रोहिणी में 382, शादीपुर में 385, सिरी फोर्ट में 357, श्री अरविंदो मार्ग में 340 अंक दर्ज किए गए हैं.
राजधानी और उसके आसपास के अधिकांश इलाकों में एक्यूआई 300 से ऊपर है, जो खराब से लेकर गंभीर स्तर तक के बीच है. एक्यूआई अगर इस स्तर पर रहता है तो सांस लेने में समस्या हो सकती है और खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है.