Delhi NCR AQI Levels Today: दिल्ली-NCR में सांस लेना मुश्किल, प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंचा इन इलाकों में है सबसे ज्यादा खतरा
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जहां AQI गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. आनंद विहार, जहांगीरपुरी और पटपड़गंज जैसे क्षेत्रों में AQI 450 के पार है, और स्मॉग ने पूरे इलाके को ढक लिया है. प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहन उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों से आने वाला धुआं शामिल हैं, जिससे राहत फिलहाल मुश्किल है.
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का प्रकोप: वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में, लोगों की सांसें थमीं
दिल्ली और एनसीआर की हवा दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है. राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक बार फिर से गंभीर श्रेणी में पहुँच गया है. सफर (SAFAR) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, सुबह 6 बजे दिल्ली का AQI 432 दर्ज किया गया, जो गंभीर प्रदूषण स्तर का संकेत है. कल शाम के मुकाबले इसमें थोड़ी गिरावट आई है, पर अब भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं.
प्रदूषण से राहत का इंतजार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के अधिकांश इलाकों में AQI गंभीर स्तर पर है, और स्मॉग की मोटी चादर ने पूरा एनसीआर क्षेत्र घेर रखा है. इसको देखते हुए मौसम विभाग ने आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसका अर्थ है कि प्रदूषण से राहत की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है.
मौसम विभाग का मानना है कि शुक्रवार से हवा की गति में थोड़ी तेजी आएगी, जिससे स्मॉग में मामूली कमी आ सकती है और प्रदूषण के स्तर में थोड़ी राहत मिल सकती है. हालांकि, ठंड के बढ़ते असर के कारण हवा में नमी का स्तर बढ़ता जा रहा है, जिससे धुंध और प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है.
इन इलाकों में हालात सबसे गंभीर
दिल्ली में कई स्थानों का AQI गंभीर+ (450 से ऊपर) श्रेणी में पहुंच गया है. इनमें आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, नजफगढ़, लाजपत नगर, पटपड़गंज, पंजाबी बाग, आर के पुरम, रोहिणी, विवेक विहार, और वजीरपुर जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं. इन स्थानों में स्मॉग की वजह से लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहांगीरपुरी में सुबह 6 बजे AQI 606 तक पहुंच गया था, जो कि बेहद खतरनाक स्थिति मानी जाती है.
प्रदूषण में वाहन सबसे बड़े योगदानकर्ता
प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं सबसे आगे है. केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों का योगदान 13.3 प्रतिशत रहा. यह एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि परिवहन साधनों की निर्भरता के कारण इस प्रदूषण को नियंत्रित करना आसान नहीं है. इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से भी प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है, जो हवा के रुख के कारण दिल्ली की ओर आकर जमा हो जाती है.
मौसम में बदलाव से हो सकता है मामूली सुधार
मौसम विभाग के मुताबिक, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की सक्रियता के कारण उत्तर भारत में अचानक घना कोहरा और धुंध छा गया है. इसके चलते हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की तरफ हो गई है, जिससे पंजाब और पाकिस्तान के ऊपर जमा प्रदूषण दिल्ली की तरफ आ गया है. तापमान में गिरावट के कारण आद्रता बढ़ जाती है, जिससे धूल और धुएं के कण मिलकर धुंध का रूप ले लेते हैं.
वायु गुणवत्ता के स्तर और उनके मानक
शून्य से 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'बहुत खराब', 401-450 को 'गंभीर' और 450 से ऊपर को 'गंभीर प्लस' श्रेणी में रखा जाता है. ऐसे में 400 से ऊपर के AQI स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माने जाते हैं.
लोगों के लिए चेतावनी और सुझाव
- जब तक संभव हो, घर के अंदर ही रहें और बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करें.
- बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
- प्रदूषण के स्तर में सुधार के लिए निजी वाहनों के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक उपयोग करें.
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की यह स्थिति एक गंभीर चेतावनी है. आवश्यक कदम उठाकर ही हम इस समस्या से कुछ हद तक निजात पा सकते हैं.