नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली (Delhi) में करीब 605 निजी स्कूलों की आने वाले दिनों में सरकार द्वारा प्राप्त मान्यता रद्द की जा सकती है. बताया जा रहा है की इसका कारण पर्यावरण से जुड़ा है. इन स्कूलों ने पर्यावरण (Environment) से जुड़े अबतक 5 लाख रुपये का मुआवजा नहीं चुकाया है. दिल्ली सरकार से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने स्कूलों से वर्षा जल संरक्षण की व्यवस्था करने को कहा था, लेकिन स्कूल इसमें विफल रहे थे.
ज्ञात हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने वर्ष 2017 में दिल्ली सरकार समेत सभी निजी स्कूलों और कॉलेजों को निर्देश दिए थे कि वे अपने निजी परिसर में वर्षा की जल के संरक्षण हेतु उपर्युक्त जगह का निर्माण करे, और इसके लिए दो महीनें का वक्त भी दिया गया था. साथ ही कहा गया था कि इसका खर्च उन्हें स्वंय ही उठाना होगा. ग्रीन पैनल ने उस समय यह भी घोषणा की थी कि अगर इस नियम का पालन जो निजी संस्थान नहीं करता है से पर्यावरण के नाम पर 5 लाख रुपये मुआवजा देना होगा.
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बता दें कि खबर के अनुसार सरकार ने इन इन निजी संस्थाओं को 2017 से अबतक कई बार पैसा भरने को कहा गया, लेकिन ज्यादातर स्कूलों ने इस नजरअंदाज कर दिया. इसको देखते हुए सरकार ने इन संस्थाओं को अब आखिरी नोटिस भेजा गया है और तीन दिनों के भीतर पैसा जमा करने को कहा गया है. कहा गया है कि अगर स्कूल इसबार चूके तो कड़क ऐक्शन लिया जाएगा, जिसमें उनकी मान्यता भी छीनी जा सकती है.