Delhi: दिल्ली में धार्मिक स्थलों के पास नहीं बिकेगा मांस, MCD ने तय की दूरी
दिल्ली में धार्मिक स्थलों के आसपास मांस की दुकान को लेकर नई नीति को मंजूरी मिल गई है. दिल्ली में धार्मिक स्थलों के आसपास मांस बेचने पर प्रतिबंध लग गया है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और श्मशान घाटों के 150 मीटर के दायरे मीट की दुकानें नहीं खुलेंगी.
दिल्ली में धार्मिक स्थलों के आसपास मांस की दुकान को लेकर नई नीति को मंजूरी मिल गई है. दिल्ली में धार्मिक स्थलों के आसपास मांस बेचने पर प्रतिबंध लग गया है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और श्मशान घाटों के 150 मीटर के दायरे मीट की दुकानें नहीं खुलेंगी. मंगलवार को दिल्ली नगर निगम की बैठक में 54 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. नई नीति के तहत मांस की दुकानों और किसी भी धार्मिक स्थलों या श्मशान घाट के बीच की दूरी कम से कम 150 मीटर होनी चाहिए. नई नीति के अनुसार धार्मिक स्थलों के आस-पास अब मांस की दुकानें नहीं होंगी. इसके लिए एक दूरी तय कर दी गई है, उसी दूरी पर मांस की दुकानों को खोला जा सकेगा. Old Parliament Building: पुराने संसद भवन पर लगाया गया 'संविधान सदन' नाम का नया बोर्ड.
नगर निगम की बैठक में 54 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है, जिसमें मांस की दुकानों को लेकर नई नीति भी शामिल थी. धार्मिक स्थलों में मंदिर, गुरुद्वारा, श्मशान और कब्रिस्तान शामिल हैं. दरअसल दिल्ली में मांस बेचने और उसकी दुकानों के लाइसेंस को लेकर नगर निगम ने नई नीति का प्रस्ताव रखा था, जिसमें मांस की दुकान और धार्मिक स्थल के बीच की न्यूनतम दूरी कम से कम 150 मीटर रखने की बात कही गई थी.
MCD ने तय किए नियम
नई नीति के अनुसार मस्जिद समिति या इमाम से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेकर मस्जिद के पास मांस की बिक्री की जा सकेगी. हालांकि, मस्जिद के 150 मीटर के दायरे में पोर्क (सूअर का मांस) बेचने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है. MCD ने कहा कि लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखने हुए ये फैसला लिया गया है.
नई नीति को लेकर नाराजगी क्यों?
बता दें कि खुले में मांस बेचने और धार्मिक स्थलों के पास मांस की दुकानों को लेकर काफी बवाल मच चुका है. कई धार्मिक संगठनों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया. वहीं अब नई नीति को लेकर भी कई लोगों में नाराजगी है. उत्तर-पूर्व एमसीडी में मांस की दुकानों का लाइसेंस पाने के लिए उसके शुल्क में भी इजाफा किया गया है. नए प्रस्ताव के मुताबिक पूर्ववर्ती उत्तर, दक्षिण और पूर्वी निगमों में मांस की दुकानों का लाइसेंस लेने के लिए 18 हजार रुपए और रिफाइनरी यूनिट्स के लिए 1.5 लाख रुपये नगर निगम को देने होंगे.
मांस व्यापारियों के संगठन ने नई नीति का कड़ा विरोध किया. व्यापारियों का कहना है कि, अगर नई नीति को वापस नहीं लिया जाता तो वो इसके खिलाफ अदालत का रुख करेंगे, साथ ही नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे.