Delhi Bandh Today: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में व्यापारियों ने शुक्रवार को ‘दिल्ली बंद’ (Delhi Bandh) का आह्वान किया है, जिसके चलते दिल्ली के बाजार बंद रहेंगे. पूरे देश में नागरिक इस हमले की निंदा कर रहे हैं और इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. बता दें कि गुरुवार शाम को बीजेपी युवा मोर्चा (BJP Yuva Morcha) ने आतंकी हमले (Terror Attack) के खिलाफ भुवनेश्वर (Bhubaneswar) में विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान मौजूद ओडिशा (Odisha) बीजेपी अध्यक्ष मनमोहन सामल ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार सभी तरह के आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.
अनंतनाग में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज फॉर विमेन की छात्राओं ने शहर में मार्च निकाला और हमले की निंदा की. एक प्रतिभागी छात्र ने कहा कि हम इस भयानक कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं. हम बस इतना कहना चाहते हैं कि आतंकवाद का कोई खास धर्म नहीं होता, हम आम कश्मीरी शांति के पक्षधर हैं और हमेशा शांति के पक्षधर रहेंगे. हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हमें इसके लिए बहुत खेद है और यह कश्मीर का प्रतिनिधित्व नहीं करता. यह हमारा प्रतिनिधित्व नहीं करता.
चंडीगढ़ में लोग घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए, हाथों में तख्तियां लेकर न्याय की मांग की. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए मोमबत्ती मार्च निकाला गया. दिल्ली में खान मार्केट ट्रेड एसोसिएशन के सदस्यों ने मृतकों की याद में मोमबत्तियां जलाकर ऐसा ही मार्च निकाला. यह भी पढ़ें: पहलगाम हमले पर बड़ा खुलासा! पाकिस्तान की सरजमीं से हाफिज सईद ने रची खूनी साजिश
मध्य प्रदेश के भोपाल में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान बीजेपी सांसद और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि आज पूरा भोपाल, मध्य प्रदेश और पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ सड़कों पर उतर आया है… एक भी आतंकवादी को बख्शा नहीं जाएगा. आज हम इस संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि हम देश में इस तरह के आतंकवाद को खत्म करेंगे.
गौरतलब है कि पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. इसे 2019 के पुलवामा बम विस्फोट के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना जाता है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे, और 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से सबसे गंभीर हमलों में से एक माना जाता है.













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