नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के बाहर सोमवार (16 अगस्त) को खुद को आग लगाकर कथित रूप से आत्महत्या करने की कोशिश करने वाले युवान ने दम तोड़ दिया है, जबकि युवती जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रही है. 75वें स्वतंत्रता दिवस के एक दिन हुए इस वाकिये ने देश को झकझोर कर रख दिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी. इंदौर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी ने लकड़ी काटने की मशीन से की आत्महत्या
बताया जा रहा है कि एक युवती और एक युवक ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के गेट नंबर-डी के बाहर अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली. हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने तुरंत उनपर कंबल डाला और आग बुझा दी. दोनों को तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया.
युवती की भी हालत गंभीर
पुलिस ने बताया कि 27 वर्षीय युवक 65 प्रतिशत, जबकि 24 वर्षीय युवती 85 प्रतिशत तक झुलस गए थे. दोनों की हालत इतनी खराब थी कि पुलिस बयान तक नहीं ले सकी. आत्महत्या का प्रयास करने से पहले युवती ने युवक के साथ फेसबुक लाइव पर एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपनी पहचान बतायी है और आरोप लगाया है कि उसने 2019 में राय के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था. इस वजह से उसे एक झूठे मामले में फंसाया जा रहा हैं.
क्या था मामला?
उत्तरप्रदेश के गाजीपुर की रहने वाली युवती ने 2019 में बीएसपी सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए वाराणसी के लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़िता का आरोप था कि अतुल राय ने अपने लंका स्थित फ्लैट पर उससे बलात्कार किया और उसका वीडियो भी बना लिया. सांसद को घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था और वह बलात्कार के मामले में दो साल से न्यायिक हिरासत में जेल में हैं.
सांसद के भाई ने दर्ज करावाया था फर्जीवाड़े का केस
युवती ने आरोप लगाया है कि पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और अन्य लोग आरोपी का साथ दे रहे हैं और फर्जीवाड़े के मामले में उसे फंसा रहें है. युवती ने अपनी जान को खतरा बताते हुए मार्च में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर बलात्कार मामले की सुनवाई प्रयागराज से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था. बाद में अगस्त में, वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने आरोपी सांसद के भाई द्वारा दर्ज कराई गई फर्जीवाड़े की शिकायत के आधार पर युवती के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
कई अधिकारियों पर लगे है गंभीर आरोप
फेसबुक लाइव के दौरान पीड़िता ने वाराणसी के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक, कोतवाल राकेश सिंह, विवेचक गिरिजा शंकर सहित कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया था. हालांकि अब इस मामले में वाराणसी के दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि इस मामले में कैंट थाना प्रभारी राकेश सिंह और विवेचक गिरिजा शंकर को निलंबित कर दिया गया है.