नई दिल्ली, 21 अप्रैल : "मैं अभी थोड़ी देर पहले अस्पताल की चौथे फ्लोर पर गया, जब उधर पत्नी नहीं मिली, तो डॉक्टर ने मुझसे कहा कि वह पांचवे फ्लोर पर है. आपकी पत्नी और पेट में पल रहा बच्चा ठीक है, लेकिन अब अचानक मुझसे वीडियो कॉल (Video Call) पर कह दिया कि उनकी मृत्यु हो गई." दिल्ली के एलएनजी अस्पताल के बाहर रो रो कर अपनी आप बीती सुना रहा एक शख्स, जिसने अपनी पत्नी और पेट में पल रहे 8 महीने के बच्चे को बुधवार दोपहर हमेशा के लिए खो दिया. मृतक महिला के भाई मोहम्मद परवेज ने आईएएनएस को बताया कि, "उनको कोरोना नहीं था, डॉक्टरों ने रात को जांच की. जांच के बाद कहा कि ठीक है, इनको हम आईसीयू में शिफ्ट कर रहे हैं." "उसके बाद आईसीयू में किसी को जाने नहीं दिया गया. सुबह वीडियो कॉल करने के लिए मेरे जीजा जी गए, तब डॉक्टर से बात की, तो बोले कि आपकी बच्ची और पत्नी दोनों ठीक हैं."
पत्नी के आईसीयू में भर्ती होने के कारण अब्दुल माजिद हर थोड़ी देर बाद पत्नी और पेट में पल रहे बच्चे की हालत जानने डॉक्टरों के पास जाते रहते और जानकारी लेते रहते. हालांकि डॉकटरों द्वारा उन्हें अस्वाशन दिया जाता रहा कि आपका मरीज ठीक है. बुधवार सुबह 7 बजे भी यही कहा गया, उसके कुछ घण्टों बाद भी यही बात फिर दोहराई गई कि आपका मरीज ठीक है लेकिन उसके कुछ वक्त बाद ही पति से कह दिया गया कि अब वो इस दुनिया में नहीं रहे. अस्पताल के बाहर रोते हुए अपने परिजनों को फोन कर रहे मृतक महिला के पति अब्दुल माजिद ने आईएएनएस को बताया कि, "मैं सुबह 7 बजे इमरजेंसी में गया था, बाहर बैठे एक शख्श ने मुझसे कहा कि आपकी पत्नी और बच्चा दोनों ठीक हैं. यह भी पढ़ें : Nashik Oxygen Tanker Leak: गृह मंत्री अमित शाह ने नासिक हादसे पर जताया दुख, मृतकों के परिजनों के प्रति व्यक्त की गहरी संवेदना
"मैं अभी थोड़ी देर पहले भी गया अस्पताल की चौथी फ्लोर पर जब उधर नहीं मिली तो डॉक्टर ने मुझसे कहा कि वह पांचवें फ्लोर पर है और आपकी पत्नी और पेट में पल रहा बच्चा ठीक है, लेकिन अब अचानक मुझसे वीडियो कॉल कर कह दिया कि उनकी मृत्यु हो गई." अस्पताल के बाहर अब्दुल माजिद और उनके परिजन दोनों का ही रो रो कर बुरा हाल है. अब्दुल के अलावा तमाम ऐसे और मरीज है जिन्हें अपने मरीज की फिक्र है दरअसल दिल्ली के अस्पतालों के बाहर गेट पर खड़े हर दूसरे व्यक्ति की आंखों में आंसू है, मरीज को अस्पताल में जगह न मिलने का दर्द तो इलाज सही ढंग से नहीं होने का मलाल लिए बैठे परिजन अब थक चुके हैं. अचानक मिल रही लोगों की मृत्यु की खबरों से आस पास खड़े अन्य मरीजों के परिजन भी घबराने लगते हैं. अपनों की फिक्र बढ़ जाती है और इसी सोच में बैठे-बैठे आंखों से आंसू निकलने लगते हैं. दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 28,395 नए मामले सामने आए, वहीं संक्रमण से 277 लोगों की मौत हुई.