वेब सीरीज: अश्‍लील कंटेंट रोकने वाली याचिका पर 14 नवंबर को होगी सुनवाई
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: stokpic/pixabay)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह शीर्ष ऑनलाइन सेवा प्रदाता नेटफ्लिक्स, आमेजन प्राइम वीडियो और अन्य मंचों से अश्लील और यौन उत्तेजना वाली सामग्रियों को हटाने के संबंध में 14 नवंबर को सुनवाई करेगा. गैर सरकारी संगठन, 'जस्टिस फॉर राइट' की तरफ से वकील हरप्रीत एस. होरा द्वारा दाखिल याचिका में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मौजूद कंटेंट को नियमन के लिए दिशानिर्देश जारी करने या कानून बनाने की मांग की गई है.

याचिकाकर्ता ने कहा कि ऑनलाइन मंच ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को जोड़ने और फायदा पहुंचाने के लिए अश्लील, यौन उत्तेजना भड़काने वाले, पोर्नोग्राफी, धार्मिक रूप से वर्जित और अनैतिक सामग्री परोसते हैं.

एनजीओ ने आरोप लगाया कि ये कंटेंट भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का उल्लंघन करते हैं. इंडियन पीनल कोर्ट के सिनेमेटोग्राफ और महिलाओं के अभद्र प्रस्तुतिकरण एक्ट 1986 के तहत ये एक संज्ञेय अपराध है

इससे पहले इस चीज पर रोक लगाने के लिए बांबे हाई कोर्ट ने सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय को एक नोटिस जारी कर रेगुलेटरी बॉडी बनाने की मांग की है.