नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सभी आयु वर्ग और धर्मों की महिलाओं को मंदिरों, मस्जिदों और ‘पारसियों के अग्नि मंदिर’ में जाकर पूजा करने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया.
मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति वी. के. राव की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इंकार करते हुए कहा कि यह उसके ‘‘क्षेत्राधिकार’’ में नहीं आता है.
पीठ ने कहा, ‘‘याचिका दायर करने वाले ने यह नहीं बताया है कि याचिका में उल्लिखित कौन-कौन से मंदिर इस अदालत के क्षेत्राधिकार में आते हैं. यहां उल्लिखित मंदिरों में से कोई भी इस अदालत के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है. हम इसपर विचार करने की इच्छा नहीं रखते हैं. याचिका खारिज की जाती है.’’