COVID की तीसरी लहर से निपटने के लिए दिल्ली सरकार 5 हजार हेल्थ अस्टिटेंट को देगी ट्रेनिंग, सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया पूरा प्लान

कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि महामारी की अगर तीसरी लहर आई तो उसके लिए बड़े स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत होगी. इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने 5,000 हेल्थ अस्टिटेंट तैयार करने की एक बहुत महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई है.

कोरोना वार्ड (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने  कहा कि महामारी की अगर तीसरी लहर आई तो उसके लिए बड़े स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत होगी. इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने 5,000 हेल्थ अस्टिटेंट तैयार करने की एक बहुत महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि योजना के मुताबिक 5 हजार युवाओं को 2-2 हफ़्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी, जो कि यूनिवर्सिटी में होगी. दिल्ली के 9 बड़े मेडिकल इंस्टीट्यूट में बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा “ये 5,000 हेल्थ अस्टिटेंट डॉक्टर और नर्स के अस्टिटेंट के रूप में काम करेंगे. 17 जून से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और 28 जून से इनकी ट्रेनिंग शुरू होगी. इसके लिए 12वीं कक्षा पास लोग योग्य हैं.

दिल्ली के अस्पतालों में कार्यरत होने वाले इन हेल्थ अस्टिटेंट को फर्स्ट ऐड (First Aid), ऑक्सीजन नापने, मास्क लगाने, वैक्सीन लगाने, होम केयर (Home Care) की ट्रेनिंग दी जाएगी. इनको तकनीकी भाषा में कम्युनिटी नर्सिंग असिस्टेंट कहते हैं. यह मेडिकल सहायक स्टाफ अपने आप कोई निर्णय नहीं लेंगे. बल्कि डॉक्टर के निर्देश के पर यह स्टाफ कार्य करेगा.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि इंग्लैंड से खबर आ रही है कि वहां कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. इसको देखते हुए हमने भी अपनी तैयारियों को करनी होंगी. केजरीवाल ने कहा कि हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देखा की कोरोना रोगियों के उपचार के लिए मेडिकल और पैरामेडिकल कर्मचारियों की स्टाफ की बहुत कमी हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह योजना बनाई है.

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