Delhi Fire: उपहार सिनेमा के 22 साल बाद, दिल्ली में फिर भीषण अग्निकांड

दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमाघर 13 जून, 1997 को राष्ट्रीय राजधानी की सबसे भीषण आग त्रासदी का गवाह बना था. इस दुर्घटना में 59 लोग मारे गए थे और अब 22 साल बाद 8 दिसंबर, 2019 को रविवार सुबह पश्चिमी दिल्ली के रानी झांसी रोड इलाके स्थित एक कारखाने में बड़े पैमाने पर लगी आग में अभी तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है.

आग/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमाघर 13 जून, 1997 को राष्ट्रीय राजधानी की सबसे भीषण आग त्रासदी का गवाह बना था. इस दुर्घटना में 59 लोग मारे गए थे और अब 22 साल बाद 8 दिसंबर, 2019 को रविवार सुबह पश्चिमी दिल्ली के रानी झांसी रोड इलाके स्थित एक कारखाने में बड़े पैमाने पर लगी आग में अभी तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है. इस दुर्घटना को उपहार अग्निकांड के बाद से दूसरी सबसे बड़ी अग्नि त्रासदी बताया जा रहा है. उपहार सिनेमा में लगी आग के बाद लोग सिनेमाघर के अंदर फंस गए थे. 59 लोगों में से ज्यादातर की मौत दम घुटन से हुई थी और 103 लोग इसमें घायल हो गए थे. वहीं, अनाज मंडी अग्निकांड में 43 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए हैं.

उपहार परिसर के पास तेल के रिसाव के चलते आग लगी थी और यह आग तेजी से पार्किंग की ओर फैलती चली गई, जिसमें वहां खड़ी 27 कारें जल गई थीं. शुक्र है कि रविवार को लगी आग आस-पास के इलाके में नहीं फैली. यह भी पढ़ें- दिल्ली आग हादसे पर राजनीति शुरू, AAP सांसद संजय सिंह बोले- घर में फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी तो उसे बंद कराना MCD की थी जिम्मेदारी

हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी की सबसे भयानक आग लगने की घटना दोपहर में फिल्म बॉर्डर की स्क्रीनिंग के दौरान 3 से 6 बजे के बीच हुई. लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता है कि इस दिन सुबह 6.55 बजे ही उपहार सिनेमा के भूतल पर एक ट्रांसफार्मर में आग लग गई थी, जबकि अनाज मंडी इलाके में रविवार सुबह लगी आग 4.30 और 5 बजे के बीच लगी.

रविवार को हुई दुर्घटना को उपहार अग्निकांड के बाद से दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी बताते हुए दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) के अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा कि कारखाने में सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया गया था और वहां से बाहर निकलने के पर्याप्त रास्ते भी नहीं थे.

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