नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में दो बड़े अधिकारी आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच घुस लेने को लेकर मचे विवाद का केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) मामले की जांच कर रही थी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा पर लगे दो करोड़ रुपये की घुस लेने के आरोपों की जांच कर रही सीवीसी को कुछ ठोस सबूत नहीं मिला है. जिसके बाद इस रिपोर्ट को अब सोमवार को मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली पीठ को सौंपा जाएगा.
बता दें कि दोनों अधिकारीयों द्वारा एक दूसरे पर घुस लेने का आरोप लागाने के बाद 23 अक्टूबर को अलोक वर्मा के साथ राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया था. जिसके बाद से सीबीआई में घुस लेने का मामला और तुल पकड़ लिया. क्योंकि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा उन्हें अचानक से छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर सुप्रीम में याचिका दायर करते हुए उनको छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर उन्होंने विरोध किया था. यह भी पढ़े: सीबीआई में रिश्वत लेने का मामला, आलोक वर्मा आज फिर सीवीसी के सामने पेश हुए
जिसके बाद इस पुरे मामले को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने न्यायाधीश पटनायक को सरकार द्वारा कराई जा रही सीवीसी जांच की अध्यक्षता करने के लिए चुना गया था. यह जांच के आदेश विशेष निदेशक अस्थाना और सीबीआई डायरेक्टर वर्मा की लड़ाई सार्वजनिक होने के बाद दिए गए थे. क्योंकि इन दोनों अधिकारियों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं सीबीआई ने अपने नंबर दो के अधिकारी के खिलाफ 15 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की थी. वहीं राकेश अस्थाना ने 24 अगस्त को वर्मा के खिलाफ रिश्वत लेने और दुसरे मामलों को लेकर कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा था. यह भी पढ़े: राकेश अस्थाना मामला: कोर्ट ने कथित बिचौलिये मनोज प्रसाद को जमानत देने से किया इंकार
राकेश अस्थाना के इस शिकायत के बाद कैबिनेट सचिव ने अस्थाना की शिकायत को सीवीसी के पास भेज दिया था. सचिव को भेजे पत्र में अस्थाना ने वर्मा पर हैदराबाद के व्यवसायी सतीश बाबू सना से दो करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर लेने का आरोप लगाया है. सना से जांच एजेंसी मीट कारोबारी मोईन कुरैशी से संबंधित मामलों में पूछताछ कर रही थी.
सूत्रों की माने तो रिपोर्ट में विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा वर्मा के खिलाफ दिए गए विभिन्न सबूतों की जांच हुई है. जिसमें अस्थाना द्वारा आलोक वर्मा पर लगाए गए आरोपों में कुछ भी ठोस नहीं मिल पाया है. इस जांच में सीवीसी केवी चौधरी और विजिलेंस कमिशनर शरद कुमार और टीएम बसीन भी शामिल थे.