Delhi AQI Today: दिल्ली में प्रदूषण से राहत नहीं, कई इलाकों में AQI 450 के करीब
दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. शुक्रवार सुबह भी प्रदूषण के स्तर में कोई सुधार देखने को नहीं मिला. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शुक्रवार सुबह 7 बजे दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया.
Delhi AQI Today: दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. शुक्रवार सुबह भी प्रदूषण के स्तर में कोई सुधार देखने को नहीं मिला. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शुक्रवार सुबह 7 बजे दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है. सुबह के समय एक घना धुआं और धुंध शहर पर छाया रहा, जिसका एक मुख्य कारण पास के राज्यों में पराली जलाना भी है. पराली जलाने से उठने वाला धुआं हवा में घुलकर दिल्ली के प्रदूषण स्तर को और भी अधिक गंभीर बना देता है. शुक्रवार को दिल्ली में हल्का कोहरा छाए रहने तथा मौसम गर्म रहने का अनुमान है.
दिल्ली का AQI स्तर
आज का औसत AQI 383 रिकॉर्ड किया गया, जबकि कुछ इलाकों में यह 440 तक पहुंच गया. गुरुवार को दिल्ली का AQI 366 था, जो शाम 4 बजे 377 तक पहुंच गया था. बुधवार को यही स्तर 352 था. इससे साफ है कि हर दिन प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, और इसके कारण लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं. इस प्रदूषण से जल्द राहत मिलने के आसार नहीं हैं, अगले दो-तीन दिनों तक राहत की संभावना बेहद कम है.
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अक्षरधाम मंदिर इलाके में AQI 415
इंडिया गेट इलाके में धुंध की एक परत
दिल्ली में AQI की स्थिति
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में AQI निम्न स्तर पर रिकॉर्ड किया गया:
- बवाना: 440
- रोहिणी: 439
- अशोक विहार: 418
- आनंद विहार: 415
- नेहरू नगर: 413
- मुंडका: 428
- पटपड़गंज: 402
- नजफगढ़: 374
- जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम: 367
इस सूची में कई इलाकों में AQI 400 से अधिक रहा, जो प्रदूषण का गंभीर स्तर है.
एक्यूआई 0-50 को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
आरके पुरम में AQI 406
AQI का स्तर 450 के करीब पहुंचने से सांस की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, खासकर बुजुर्ग, बच्चे, और श्वसन संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है.
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
सरकार और स्थानीय निकाय प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास में हैं, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, निर्माण कार्यों पर निगरानी रखना, और सड़कों पर पानी का छिड़काव करना. साथ ही, पराली जलाने पर सख्ती से रोक लगाने की कोशिश की जा रही है ताकि पड़ोसी राज्यों से आने वाला धुआं कम हो.
दिल्ली सरकार अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में धूल प्रदूषण से निपटने के साथ-साथ प्रमुख प्रदूषकों से संबंधित डेटा एकत्र करने के लिए तीन 'मिस्ट स्प्रे ड्रोन' किराये पर लेने जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि इन ड्रोन को 13 चिन्हित प्रदूषण स्थलों पर पानी का छिड़काव करने तथा वायु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि इससे धूल के कणों को नीचे बैठाने, 'पार्टिकुलेट मैटर' (पीएम) की मात्रा को कम करने तथा जन स्वास्थ्य और पर्यावरण पर वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी.