Air Pollution: दिल्ली में फूल रही सांस लेकिन पंजाब पर SC के फैसले का भी असर नहीं, खूब जल रही पराली | Video

दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए केजरीवाल सरकार ने कई प्रतिबंध लगा दिए हैं लेकिन पंजाब में पराली अभी भी जल रही है. दिल्ली-NCR में प्रदूषण पंजाब में जल रही पराली के कारण कम नहीं हो रहा है.

Punjab Stubble Burning | ANI

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और NCR में प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए केजरीवाल सरकार ने कई प्रतिबंध लगा दिए हैं लेकिन पंजाब में पराली अभी भी जल रही है. दिल्ली-NCR में प्रदूषण पंजाब में जल रही पराली के कारण कम नहीं हो रहा है. दिल्ली के प्रदूषण में पराली का तकरीबन 38 फीसदी योगदान है. राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में एक-तिहाई योगदान पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से फैल रहे धुएं का है. पंजाब में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है. मंगलवार को ही अदालत ने इसे तत्काल रोकने का आदेश दिया था लेकिन पंजाब में पराली जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. Air Pollution: क्या प्रदूषण के बीच मॉर्निंग वॉक पर जाना चाहिए? इन बातों का ध्यान रखना है बेहद जरूरी.

दिल्ली-एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार ने मुख्यत: पंजाब को जिम्मेदार ठहराया है और इसे लेकर एक रिपोर्ट भी जारी की है. जिसमें बताया गया है कि दिल्ली-एनसीआर की हवाओं में पराली जलने की हिस्सेदारी मौजूदा समय में 38 फीसदी से अधिक है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पराली जलाने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.

पंजाब में पराली के सबसे अधिक मामले

पराली जलने की देश भर में सात नवंबर तक रिपोर्ट की गई कुल 22,695 घटनाओं में करीब 93 फीसद मामले अकेले पंजाब के है, जबकि हरियाणा की इनमें हिस्सेदारी सात फीसदी है.

पंजाब में खूब जल रही पराली

दिल्ली में होगी कृत्रिम बारिश

दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर केंद्र साथ दे तो दिल्ली में 20 नवंबर तक पहली आर्टिफिशल बारिश कराने की तैयारी हो चुकी है. इस पर करीब 13 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. सरकार ने बताया है कि दो चरणों में कृत्रिम बारिश होगी. पहले चरण में 300 वर्ग मीटर और दूसरे चरण में 1000 वर्ग मीटर के एरिया को कवर किया जाएगा. 20-21 नवंबर को आर्टिफिशल रेन कराई जा सकती है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने IIT कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ बैठक के आधार पर बताया कि ‘क्लाउड सीडिंग’ की कोशिश तभी की जा सकती है जब वातावरण में नमी या बादल हों. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 20-21 नवंबर के आसपास ऐसे अनुकूल हालात बने रह सकते हैं. इसी प्रस्ताव को कल यानी 10 नवंबर को उच्चतम न्यायालय को सौंपा जाएगा.

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