नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के कहर को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज (15 नवंबर) अहम सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मंगलवार शाम तक एक्शन प्लान मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की प्रमुख वजह परिवहन उद्योग, वाहन यातायात है. शीर्ष कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा है कि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में किन उद्योगों और बिजली संयंत्रों को बंद किया जा सकता है. साथ ही किन वाहनों को चलने से रोका जा सकता है. इसके आलावा सुप्रीम कोर्ट ने बिजली संयंत्रों के बंद होने की स्थिती में वैकल्पिक बिजली कैसे उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी जानकारी भी मांगी है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बरकरार
दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10 फीसदी योगदान देता है. वहीं, दिल्ली सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह शहर में पूरी तरह से लॉकडाउन करने के लिए तैयार है. केजरीवाल सरकार ने साथ ही कोर्ट से कहा कि लॉकडाउन तभी कारगार होगा जब यह एनसीआर रीजन में भी लगाया जाएगा.
Supreme Court concludes that major culprits of air pollution are transport, industries, vehicular traffic apart from stubble burning in some areas.
— ANI (@ANI) November 15, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए निर्माण कार्य, गैर-जरूरी परिवहन, बिजली संयंत्रों को रोकने और वर्क फ्रॉम होम लागू करने जैसे मुद्दों पर कल एक आपात बैठक बुलाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने केंद्र और एनसीआर क्षेत्र के राज्यों से इस बीच कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करने को कहा है. केंद्र द्वारा कल होने वाली आपात बैठक में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मुख्य सचिवों को भी उपस्थित रहने को कहा गया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 17 नवंबर के लिए स्थगित कर दी है.
Supreme Court tells Centre and State Govt that this is not how an executive emergency meeting was expected to be held, says, "It's very unfortunate that we have to set an agenda for them"; asks the committee created to decide on the action plan by tomorrow evening.
— ANI (@ANI) November 15, 2021
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को लगातार दूसरे दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही और यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 342 दर्ज किया गया. गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और नोएडा में एक्यूआई सुबह क्रमश: 328, 340, 326 और 328 दर्ज किया गया. दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रविवार को थोड़ा सुधार दिखा था हालांकि यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई थी. दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में दिवाली के बाद प्रदूषण के कारण सांस की समस्या से जूझ रहे मरीजों की संख्या में 8 से 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई है.
उधर, दिल्ली सरकार द्वारा वायु प्रदूषण के बीच स्कूलों को बंद करने की घोषणा के एक दिन बाद, हरियाणा सरकार ने रविवार को चार जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर और सोनीपत में 17 नवंबर तक सभी निजी और सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. आदेश के अनुसार, सरकारी और निजी दोनों कार्यालयों को घर से काम करने की सलाह दी गई है. साथ ही निर्माण गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाले स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट के संचालन पर भी पूर्ण प्रतिबंध है.