दिल्ली प्रदूषण: पंजाब-हरियाणा में जलाए जा रहे पराली के चलते राजधानी की हवा हो रही है जहरीली
दिल्ली में प्रदुषण की इंट्री ( फोटो क्रेडिट- ANI )

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में सर्दी धीरे-धीरे दस्तक देना शुरू कर दिया है. लेकिन इसी के साथ आस पास के इलाकों में प्रदूषण भी इंट्री मार रही है. पिछले चार दिनों में पंजाब में ये घटनायें बढ़ने से दिल्ली धुंध के घेरे में आ गयी है. सोमवार दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index ) 223 तक पहुंच गया. इसके साथ लोधी रोड (Lodhi Road ) में PM 10-217 सुबह और PM 2.5-223 दर्ज किया गया दर्ज किया गया. वहीं रविवार की बात करें तो वायु गुणवत्ता सूचकांक पर आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता 327 अंक तक पहुंच गई, जबकि वजीरपुर में यह 323, विवेक विहार में 317, मुंडका में 309, बवाना में 302 और जहांगीरपुरी में 300 के स्तर पर थी. वहीं हरियाणा में करनाल जिले के अलीपुर खालसा (351) और पानीपत (339) में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई.

एनसीआर के अन्य इलाकों में भी शाम साढ़े चार बजे तक हवा की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गयी थी. इनमें गाजियाबाद में एक्यूआई 320 और नोएडा में 310 के स्तर पर पहुंच गया. ज्ञात हो कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी का माना जाता है.

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ कृषि मंत्रालय द्वारा साझा किये गये आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल एक से आठ अक्टूबर की तुलना में इस साल दिल्ली के तीनों पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में 58 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी है. वहीं, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में 12 अक्टूबर तक पराली जलाने की 630 घटनायें दर्ज की गयी हैं। पिछले साल इस अवधि में इनकी संख्या 435 थी. पिछले साल अक्टूबर के शुरुआती आठ दिनों की तुलना में इस साल पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत, हरियाणा में 48 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 75 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी. इसके बावजूद दिल्ली में 11 अक्टूबर से हवा की गुणवत्ता में गिरावट ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं को बढ़ा दिया है.

गौरतलब हो कि इस बीच 10 अक्टबूर को नासा की उपग्रह आधारित तस्वीरों के आधार पर पंजाब में आग लगाये जाने वाले 23 स्थानों को चिन्हित किया गया था. उपग्रह की तस्वीरों के आधार पर चिन्हित किये गये आग वाले स्थानों में पराली के अलावा श्मशान घाटों और कचरा घरों सहित अन्य सभी प्रकार की आग की घटनायें शामिल होती है. इसलिये उपग्रह तस्वीर में दर्शायी गए आग वाले सभी स्थानों को पराली जलाने की घटनाओं से नहीं जोड़ा जा सकता है. जिसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले चार दिन में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में तेजी से हुयी गिरावट पर दुख व्यक्त करते हुये रविवार को कहा, प्रदूषण के मोर्चे पर अब तक की मेहनत से जो कुछ हासिल किया था, वह सब शून्य साबित हो जायेगा. (भाषा इनपुट )