नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नर्सिग स्टाफ (Nursing Staff) द्वारा सोमवार से घोषित अनिश्चितकालीन हड़ताल से कोरोना महामारी के बीच अस्पताल प्रशासन की परेशानी बढ़ते ही जा रही हैं. एम्स के अनुरोध के बाद भी नर्स संगठन हड़ताल वापस लेने को राजी नहीं हैं. जिसके चलते एम्स में मरीजों के देख-रेख को लेकर सेवा चरमराती हुई नजर आ रही हैं. एम्स प्रशासन के अनुरोध के बाद भी नर्स संगठन द्वारा हड़ताल वापस नहीं लेने पर हड़ताली नर्सों को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है.
एस्म के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने सोमवार कोरोना महामारी का हवाला देते हुए हड़ताली नर्स संगठन से अनुरोध किया था कि कोरोना महामारी के बीच अस्पताल में मरीजों के देख-रेख की जरूरत हैं. ऐसे मुसीबत की घड़ी में वे अपना हड़ताल खत्म कर कम पर वापस लौटें आए. प्रशासन की तरफ से बात नहीं मानने पर आज हड़ताली नर्सों के खिलाफ प्रशासन सख्ती दिखाते हुए नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि "यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने वाले सभी नर्सिंग कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए और जो अनुपस्थित हों, उन्हें इस तरह चिह्नित किया जाए." यह भी पढ़े: AIIMS Nurses’ Strike: एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने नर्सों से हड़ताल खत्म करने का किया अनुरोध, कोरोना महामारी और ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ की बातों का दिया हवाला
Delhi: AIIMS administration issues letter to the protesting nursing staff stating, "It may be ensured that attendance of all the Nursing personnel who report for duty is mandatorily recorded and those absent, to be marked as such." pic.twitter.com/1ldY0dNqWq
— ANI (@ANI) December 15, 2020
वहीं सोमवार को जारी देर शाम के एक आदेश में, मंत्रालय ने यह भी धमकी दी थी कि इसके निर्देश का पालन न करने को अपराध माना जाएगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. मंत्रालय के इस धमकी के बाद भी नर्स संगठन काम पर वापस लौटने को तैयार नहीं हैं.
बता दें कि दिल्ली एस्म की करीब पांच हजार नर्सों ने सोमवार 6वें वेतन आयोग से संबंधित अन्य मांगो को लेकर तत्काल प्रभाव से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया. दिल्ली एम्स नर्स संघ के अनुसार देश की शीर्ष चिकित्सा संस्था एक अनुबंध के आधार पर बाहर से नर्सों को भर्ती कर रही है. जिसका उनके संगठन का विरोध हैं.