नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को दावा किया कि भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को पार्किंग शुल्क के संग्रह में अनियमितताओं के कारण 6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. पार्टी ने कहा कि उसने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से विस्तृत जांच के आदेश देने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया हैa
आप विधायक दुर्गेश पाठक ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली एमसीडी ने पार्किंग शुल्क लेने के लिए एक कंपनी को टेंडर दिया, लोगों ने कुल 1.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन एकत्रित राशि एमसीडी तक कभी नहीं पहुंची. मामला अदालत में गया, कंपनी ने अदालत के आदेश के बावजूद पैसे का भुगतान नहीं किया और एमसीडी ने अपना लाइसेंस निलंबित कर दिया. उस कंपनी के मालिकों ने एमसीडी को धोखा देने के लिए कई कंपनियां खोलीं. इसके परिणामस्वरूप एमसीडी को 6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ." यह भी पढ़ें : कर्नाटक विधानसभा के उपाध्यक्ष आनंद ममानी का निधन
उन्होंने कहा, "आज धनतेरस का शुभ अवसर है और दिल्ली के लोगों को पता होना चाहिए कि इस दिन एमसीडी कैसे दिवालिया हो गई. उनके पास वेतन देने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं. उनके पास अपने मूल कर्तव्यों को निभाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, बावजूद इसके तथ्य यह है कि वे उसी के लिए दिल्ली के लोगों से कर प्राप्त करते हैं." उन्होंने कहा कि एक कंपनी थी, जिसे एमसीडी से टेंडर दिया गया था कि वह शहरभर में पार्किंग का प्रबंधन करे, लोगों से पार्किंग शुल्क वसूल करे और उस शुल्क को एमसीडी के खजाने में जमा करे.
उन्होंने कहा कि कंपनी ने पार्किंग स्थल चलाना शुरू कर दिया, उसके द्वारा ली जाने वाली फीस बहुत अधिक थी. उन्हें 20 रुपये चार्ज करने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने एक वाहन पार्क करने के लिए 40-60 रुपये के बीच चार्ज किया. पार्किंग शुल्क लेने के बाद उन्होंने वह पैसा एमसीडी के खाते में जमा नहीं किया. पाठक ने दावा किया, "मामला अदालत में पहुंचा और 2022 में, अदालत ने कंपनी को एक निश्चित तारीख तक पैसे का भुगतान करने का आदेश दिया और डिफॉल्ट के मामले में एमसीडी कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर सकता है. कंपनी ने उस तारीख तक पैसा जमा नहीं किया और लाइसेंस रद्द करने के साथ एमसीडी को ब्लैकलिस्ट किया गया."
उन्होंने आगे कहा, "हालांकि एमसीडी को 1.5-2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि कंपनी ने पैसे का भुगतान नहीं किया था, मामला यहीं समाप्त हो जाना चाहिए था. लेकिन जो लोग इस ब्लैक लिस्टेड कंपनी को चला रहे थे, उन्होंने एक और कंपनी बनाई और उन्होंने फिर से टेंडर मिला. पहले जहां 1.5 करोड़ रुपये तक बकाया था, अब वे 6 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं." पाठक ने आगे कहा कि भाजपा पिछले 15 वर्षो से एमसीडी में शासन कर रही है. उन्होंने सवाल किया, "क्या भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बदले में रिश्वत लिए बिना इतने बड़े कृत्य को अंजाम देना संभव है?" पाठक ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हम यह जानकारी देने के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखेंगे. हमें उम्मीद है कि वह सभी मामलों में जांच के आदेश देंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे."