Delhi: फर्जी बोर्डिग पास पर यात्रा करने के प्रयास में 7 गिरफ्तार
पुलिस उपायुक्त (आईजीआई-एयरपोर्ट) संजय त्यागी ने कहा, 2 जनवरी को एक शिकायत मिली थी कि लगभग 00.30 बजे एयर इंडिया के ग्राउंड स्टाफ ने सात भारतीय यात्रियों को उतारने के लिए संपर्क किया. सभी 7 आरोपी यात्रियों को पहले 1 जनवरी को यूके (लंदन) जाने की मंजूरी दी गई थी.
नई दिल्ली: एक अनोखे मामले में दिल्ली हवाईअड्डे (Delhi Airport) से सात लोगों को फर्जी बोर्डिग पास (Fake Boarding Pass) पर यात्रा करने के प्रयास में गिरफ्तार (Arrest) किया गया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी. अधिकारी के मुताबिक, जिस एजेंट ने उन्हें फर्जी बोर्डिग पास, आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट रिपोर्ट और यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में जहाज पर चढ़ने के लिए ज्वाइनिंग लेटर मुहैया कराया था, उसे भी बाद में तकनीकी निगरानी की मदद से गिरफ्तार किया गया. Delhi: राजधानी में 100 फीसदी सिटिंग कैपेसिटी के साथ चलेगी मेट्रो और बसें, खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं
आरोपियों की पहचान अरमानदीप सिंह, अमृतपाल सिंह, जगदीप सिंह, गुरविंदर सिंह, राहुल जांगड़ा, दीपक, मनबीर और मास्टरमाइंड एजेंट पंकज उर्फ कमल के रूप में हुई है.
पुलिस उपायुक्त (आईजीआई-एयरपोर्ट) संजय त्यागी ने कहा, 2 जनवरी को एक शिकायत मिली थी कि लगभग 00.30 बजे एयर इंडिया के ग्राउंड स्टाफ ने सात भारतीय यात्रियों को उतारने के लिए संपर्क किया. सभी 7 आरोपी यात्रियों को पहले 1 जनवरी को यूके (लंदन) जाने की मंजूरी दी गई थी.
बोर्डिग गेट पर एयर इंडिया एसएटीएस द्वारा उनके यात्रा दस्तावेजों की जांच के दौरान पाया गया कि उनके बोर्डिग पास नकली थे. यात्रा दस्तावेजों का फिर से सत्यापन किया गया था, जिसके दौरान यह पाया गया कि उनके नाम एयर इंडिया की उड़ान के यात्रा चार्ट में नहीं थे.
एयर इंडिया ने आरोपी यात्रियों को आव्रजन अधिकारियों को सौंप दिया और बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया.
पूछताछ किए जाने पर आरोपी यात्रियों ने खुलासा किया कि उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से 12 लाख रुपये के भुगतान पर दिल्ली के दो एजेंटों कृष्णा और कमल से बोर्डिग पास, आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट और बोर्ड शिप में शामिल होने का पत्र प्राप्त किया था. इन एजेंटों ने उन्हें यूके में उनके स्थायी बंदोबस्त का आश्वासन भी दिया.
उन्होंने आगे खुलासा किया कि वे सभी भारत के डीजी शिपिंग द्वारा अनुमोदित सीडीसी (कंटीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट) पर यूके जा रहे थे. हालांकि, यह भी योजना बनाई गई थी कि यूके पहुंचने के बाद वे सीडीसी प्रमाणपत्रों को नष्ट कर देंगे और यूके सरकार से शरण मांगेंगे.
अधिकारी ने कहा, "एजेंट को आशंका थी कि अगर यात्रियों ने बोर्डिग पास के लिए एयरलाइंस काउंटर से संपर्क किया, तो अधिकारी उन्हें उनके प्रोफाइल के आधार पर पकड़ सकते हैं. इसलिए, एजेंट ने यात्रियों को फर्जी बोर्डिग पास दिए, ताकि वे एयरलाइंस काउंटर पर जाने से बच सकें."
सभी आवश्यक विवरण प्राप्त करने के बाद, आरोपी एजेंट के लिए एक तलाशी शुरू की गई, जिसे उत्तर प्रदेश के भदोही से पकड़ा गया था. आरोपी एजेंट ने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों रंजीत और कृष्णा के साथ मिलकर यात्रियों के लिए फर्जी बोर्डिग पास का इंतजाम किया था.