Cyclone Nisarga: जानिए चक्रवाती तूफान का नाम कैसे पड़ा 'निसर्ग'
देश में एक तरफ कोरोना का कोहराम जारी है तो दूसरी तरफ चक्रवाती तूफान निसर्ग का खतरा बना हुआ है. अरब महासागर में भारी दबाब ने चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया है. यही कारण है कि महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में चक्रवात निसर्ग को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. जानकारी के अनुसार यह मंगलवार रात भयंकर रूप लेगा और बुधवार को उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचेगा.
नई दिल्ली. देश में एक तरफ कोरोना (Coronavirus in India) का कोहराम जारी है तो दूसरी तरफ चक्रवाती तूफान निसर्ग (Cyclone Nisarga) का खतरा बना हुआ है. अरब महासागर (Arabian Ocean) में भारी दबाब ने चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया है. यही कारण है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) और गुजरात (Gujarat) के तटीय इलाकों में चक्रवात निसर्ग को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. जानकारी के अनुसार यह मंगलवार रात भयंकर रूप लेगा और बुधवार को उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचेगा.
मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार जिस वक्त यह चक्रवात जमीन से टकराएगा, उस समय हवा की गति 120 किलोमीटर रहेगी जिससे काफी नुकसान हो सकता है. दरअसल निसर्ग चक्रवात, जो चक्रवातों की नई लिस्ट में नाम है, इसके नाम के चलते सभी जानना चाहते हैं कि यह नाम इसे कैसे मिला। इसी कड़ी में हम बताते हैं कि निसर्ग नाम बांग्लादेश से मिला हुआ है. वैसे बांग्ला भाषा में 'निसर्ग' का मतलब प्रकृति होता है. हाल ही में चक्रवातों के नामों की एक नई लिस्ट मौसम विभाग ने जारी की थी जो कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर समेत उत्तर हिंद महासागर में बनने वाले हैं. यह भी पढ़ें-Cyclone Nisarga: मुंबई से कल टकरा सकता है चक्रवात 'निसर्ग', IMD के अलर्ट के बाद समुद्र तट से वापस लौटे मछुआरे
ज्ञात हो कि मौसम विभाग की मानें तो चक्रवाती निसर्ग बुधवार यानि 3 जून को दक्षिण गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में दस्तक दे रहा है. यही कारण है कि एहतियातन मुंबई सहित आस-पास के तटीय इलाकों को अलर्ट पर प्रशासन ने रखा हुआ है. इसके साथ मुंबई से सटे पालघर में एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने दलों की तैनाती कर दी है. चक्रवात के खतरे के मद्देनजर मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है.