Cyclone Biparjoy Latest Update: अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अब बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है. बिपरजॉय के 15 जून की दोपहर के आसपास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच सौराष्ट्र, कच्छ और उससे सटे पाकिस्तान के तटों को पार करने की संभावना है. इस दौरान हवा की गति 125-135 किमी प्रति घंटे से 150 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के साथ तूफान बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है. Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में आंधी तूफान के साथ बारिश का ऑरेंज अलर्ट.
तूफान का असर राजस्थान, महाराष्ट्र सहित कई दक्षिणी राज्यों में दिखाई दे रहा है. आईएमडी ने यह भी कहा कि गुजरात के वलसाड और नवसारी जिलों के तटीय क्षेत्रों में बिपरजॉय का प्रभाव अधिक है. मौसम विभाग ने मछुआरों को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए अगले कुछ दिनों तक अरब सागर में न जाने की सलाह दी है.
वलसाड के जिला प्रशासन ने सुरक्षा उपाय के तौर पर 14 जून तक पर्यटकों के लिए लोकप्रिय तीथल समुद्र तट को बंद कर दिया है. वलसाड के तहसीलदार टीसी पटेल ने कहा, हमने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. उनके लिए शेल्टर बनाए गए हैं और हमने 14 जून तक तीथल बीच को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है.
मुंबई में चक्रवात का असर
#WATCH | Maharashtra: High tidal waves witnessed in Mumbai as cyclone #Biparjoy intensified into a severe cyclonic storm.
(visuals from Gateway of India) pic.twitter.com/UrnR0sahtE
— ANI (@ANI) June 12, 2023
केरल में समुद्र में उठी ऊंची लहरें
#WATCH केरल: तिरुवनंतपुरम में शांघुमुगम के तटीय क्षेत्र में समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। #CycloneBiparjoy pic.twitter.com/Jfd1BZSEVE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 12, 2023
मौसम विभाग ने कहा, "यह उत्तर हिंद महासागर के इतिहास में केवल दूसरी बार है, कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों में एक ही प्री-मानसून सीजन में श्रेणी 3 या उच्च तीव्रता का चक्रवात था. इससे पहले केवल 2019 में ऐसी घटना हुई थी."
आईएमडी के अनुसार, चक्रवात बिपारजॉय केवल 24 घंटों में गहरे अवसाद (55.65 किमी प्रति घंटे) से बहुत गंभीर चक्रवात (121 किमी प्रति घंटे) में बदल गया है. यानी 24 घंटे में 65 किमी प्रति घंटे की हवा की गति में वृद्धि हुई है, जो अत्यधिक तीव्र स्तर है. उच्च समुद्री सतह तापमान (31-32 डिग्री सेल्सियस) जो सामान्य से 2-3 डिग्री अधिक है; उच्च समुद्री ताप सामग्री के कारण समुद्र की सतह और उपसतह की स्थिति के कारण बहुत गर्म हो गई है."