केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने शनिवार को जनहित को देखते हुए भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के आपातकालीन उपयोग के लिए सिफारिश की है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विषय विशेषज्ञ समिति ने एक और दो जनवरी को बैठक की और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के विचार और अंतिम निर्णय के लिए आपातकालीन मंजूरी देने की सिफारिश की. इस पर जल्द ही डीसीजीआई वी.जी. सोमानी द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा. केंद्र ने एक बयान में कहा कि जनहित के लिए आपातकालीन स्थिति में वैक्सीन के उपयोग के लिए भारत बायोटेक की वैक्सीन को अनुमति देने की सिफारिश की गई है.
भारत बायोटेक की कोवाक्सीन कोरोनावायरस के लिए भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन (टीका) है. संक्रमण से निजात पाने के लिए यह टीका भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया गया है. केंद्र सरकार की योजना है कि अगले छह से आठ महीनों में अभियान के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाए.
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इससे पहले विषय विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोनावायरस वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी थी. हालांकि अभी 'कोवैक्सीन' की मंजूरी पर अंतिम निर्णय ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) द्वारा लिया जाना है. शीर्ष सूत्र ने शनिवार को कहा कि कोरोनावायरस वैक्सीन का आकलन करने वाली विशेषज्ञों की समिति ने एक बैठक के बाद हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक को शनिवार की दोपहर बैठक के लिए बुलाया था.
शुक्रवार को सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति ने माना था कि भारत बायोटेक द्वारा अपनी कोरोनावायरस वैक्सीन के लिए प्रदान किया गया डेटा आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए पर्याप्त नहीं है. इसने भारत बायोटेक को और अधिक जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा था.