तिरुवनंतपुरम: केरल की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने शनिवार को कहा कि राज्य ने कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए जो कड़ी मेहनत की, उसका अब उसे फल मिल रहा है. राज्य में वर्तमान में 138 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है और पिछले सप्ताह नए मामलों की संख्या एकल अंकों में थी और राज्य में लगभग 78,000 लोग निगरानी में हैं. उन्होंने मीडिया को बताया कि किसी भी तरह से, केरल सरकार आराम के साथ नहीं बैठ सकती है क्योंकि "अगर हम सतर्क नहीं होते हैं, तो चीजें कभी भी परेशानी खड़ी कर सकती हैं, लेकिन जिंदगी को भी आगे बढ़ना है, अगर कोई अन्य मुद्दे, परेशानी नहीं हो."
शैलजा ने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए कि हमने कोविड से लोगों को बचाया, लेकिन वे भूख से मर जाए। इसलिए जो भी छूटें अब 20 अप्रैल के बाद प्रभावी होने की घोषणा की गई हैं, उन्हें हमनें अब तक जो सतर्कता बरती है उसे भूलने का मौका नहीं बनने देना चाहिए। इसके बजाय छूट अर्थव्यवस्था को बहाल करने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए और यह सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों और विनियमों को बनाए रखते हुए होना चाहिए. यह भी पढ़े: कोरोना से जंग में केरल ने पेश की मिसाल, राज्य के 64 फीसदी संक्रमित हुए ठीक- आज मिला 1 मरीज
केरल ने घोषणा की है कि 14 जिलों के प्रचलित प्रदर्शन के आधार पर कि इन्होंने कोविड-19 से कैसे निपटा है, इसे 4 अलग-अलग क्षेत्रों में चिह्न्ति किया गया है और यह 20 अप्रैल के बाद प्रभावी होगा.जहां कोट्टयम और इडुक्की को अधिकतम छूट मिलेगी। सभी राष्ट्रीय दिशानिदेशरें के अनुसार जीवन धीरे-धीरे सामान्य ढर्रे पर लौट जाएगा, अन्य 12 जिलों को कम छूट मिलेगी.