स्वास्थ्य विशेषज्ञ से जानिए कोरोना वायरस प्राकृतिक है या आर्टीफिशियल
चीन के वुहान शहर से निकल कर कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है। वायरस के संक्रमण के आतंक ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। वायरस को लेकर भी कई देशों ने तरह-तरह की दावे किए हैं
चीन के वुहान शहर से निकल कर कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है। वायरस के संक्रमण के आतंक ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. वायरस को लेकर भी कई देशों ने तरह-तरह की दावे किए हैं.कई देश इस वायरस को आर्टिफिशियल वायरस और किसी लैब में तैयार किया गया वायरस बता रहे हैं. हांलाकि चीन ने इससे साफ इनकार कर दिया है और डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि यह वायरस प्राकृतिक है. लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डॉ. मधुर यादव की मानें तो कई देश ऐसा कह रहे हैं कि ये वायरस आर्टीफिशियल है. लेकिन अभी तक इस पर ऐसा कोई शोध नहीं आया है.
हांलाकि पहले ऐसा देखा गया है कि कुछ बीमारियों के वायरस जानवरों में होते हैं और ये वायरस खुद के जिनोम में बदलाव करके मनुष्यों में अटैक करते हैं. लेकिन ये वायरस कैसा है, शोध के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.आकाशवाणी से बातचीत में डॉ. मधुर ने कहा कि वायरस का एक प्रोटीन कंपोनेंट होता है, जिसे आरएनए कहते हैं। इसके ऊपर एक वसा की परत होती है। वायरस जब भी किसी के संपर्क में आता है तो उपर की सतह खत्म हो जाती है और अंदर का प्रोटीन शरीर में प्रवेश कर एक्टिव हो जाता है. यह वायरस कई तरीके से अंदर जाता . इंफ्लुवेंजा की तरह इस वायरस में भी जीनोम की संरचना बदलती रहती है. इसी की वजह से इसके संक्रमण का स्वरूप भी बदलता रहता है. यह भी पढ़े: क्या कोरोना वायरस नहीं होगा पूरी तरह खत्म? WHO ने कहा- यह बन सकता है Endemic, इसी के साथ गुजारनी पड़ सकती है जिंदगी
बाहर से खरीदे सामान को साबुन पानी से धुल लें
उन्होंने कहा कि सभी को विशेष सावधानी रखनी है, ताकि यह वायरस शरीर के अंदर नहीं जाये. इसके लिए ये जरूरी है कि किस वस्तु के जरिए वायरस शरीर के अंदर पहुंचे उससे पहले ही उसे नष्ट कर दिया जाए। अगर बाहर से प्लास्टिक, लोहे, एल्युमिनियम का ऐसा कोई सामान लेकर आ रहे हैं तो उसे साबुन पानी से साफ कर लें. जिस तरह हाथ साबुन पानी से 20 सेकेंड तक धोने को कहा गया है, उसी तरह वस्तुओं को भी साबुन पानी या सैनिटाइजर से साफ करें। इससे वायरस नष्ट हो जाएगा.
आरोग्य सेतु ऐप से रहें सुरक्षित
कई बार लोगों के अनजाने में भी वायरस के संपर्क में आने की संभावना रहती है. इसलिए मास्क, हैंडवॉश आदि नियमों का पालन करने के साथ ही खुद को संक्रमण से बचाने और लोगों की पहचान के लिए आरोग्य सेतु ऐप जरूर डाउनलोड करें। यह 500 मिटर, एक किमी, दो किमी तक की जानकारी देता है कि कितने लोग जो इस ऐप का प्रयोग कर रहे हैं और किस इलाके में या आस-पास में कहां वायरस के संक्रमित हैं.