COVID-19: अक्टूबर से दिखने लगेगा तीसरी लहर का असर? बच्चों की सुरक्षा का रखें ध्यान

भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) की दूसरी लहर के बीच अब तीसरी लहर का डर बढ़ता ही जा रहा है. केरल सहित कई राज्यों में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों से देश में तीसरी लहर की आहट अब सुनाई देने लगी है. रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर महीने में कोरोना की रफ्तार फिर एक बार जोर पकड़ सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- PTI)

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) की दूसरी लहर के बीच अब तीसरी लहर का डर बढ़ता ही जा रहा है. केरल सहित कई राज्यों में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों से देश में तीसरी लहर की आहट अब सुनाई देने लगी है. रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर महीने में कोरोना की रफ्तार फिर एक बार जोर पकड़ सकती है. इस बीच PGIMER चंडीगढ़ के निदेशक डॉ जगत राम ने कहा कि देश COVID-19 की तीसरी लहर की शुरुआत में है. West Bengal: कोरोना के साए के बीच नई बीमारी? 130 बच्चे तेज बुखार और दस्त के चलते अस्पताल में भर्ती

PGIMER चंडीगढ़ के निदेशक ने यह भी कहा कि अधिकांश बच्चों ने एंटीबॉडी विकसित कर ली है, जिसका मतलब है कि वे घातक वायरस की चपेट में नहीं आएंगे. PGIMER, चंडीगढ़ द्वारा 2700 बच्चों के बीच किए गए एक सीरोसर्वे से पता चलता है कि उनमें से 71 प्रतिशत ने एंटीबॉडी विकसित कर ली है. इस सर्वे से यह नतीजे सामने आए हैं कि तीसरी लहर के दौरान बच्चे अधिक प्रभावित नहीं होंगे.

डॉ जगत राम ने कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में किए गए सीरोसर्वे से पता चलता है कि लगभग 50-75 प्रतिशत बच्चों ने एंटीबॉडी विकसित कर ली है, इसलिए यहां कोरोना वायरस की तीसरी लहर बच्चों को असमान रूप से प्रभावित करेगी.

PGIMER चंडीगढ़ के निदेशक ने बताया कि "लगभग 69 प्रतिशत से 73 प्रतिशत बच्चों ने एंटीबॉडी विकसित की है. औसतन 71 प्रतिशत नमूनों में एंटीबॉडी विकसित हुई हैं. हम जानते हैं कि बच्चों के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है इसलिए एंटीबॉडीज COVID-19 संक्रमण के कारण विकसित हुई हैं. इसलिए संभव है कि तीसरी लहर बच्चों को बड़े स्तर पर प्रभावित न करे.

पीजीआईएमईआर के निदेशक ने लोगों से प्रोटोकॉल का पालन करने और मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की. उन्होंने सभी से वैक्सीन लगवाने की अपील भी की.

बता दें कि देश में कोरोना के मामलों में उतार चढ़ाव जारी है. चिंता की बात यह है कि केरल में कोरोना मीटर अभी भी फुल स्पीड से दौड़ रहा है. देश के अन्य राज्यों में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन केरल में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.

बच्चों का करें बचाव

वर्तमान में कई राज्यों से बच्चों में डेंगू और वायरल बुखार सहित कई बीमारियों के मामले सामने आ रहे हैं. कई राज्यों में बच्चें बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित भी पाए जा रहे हैं. वहीं कई राज्यों में मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के मामले भी सामने आ रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच अपना बच्चों का सावधानीपूर्वक बचाव करें.

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