मुंबई: देशभर में कोरोना वायरस (COVID-19) की दूसरी लहर का प्रकोप कुछ कम हुआ है, लेकिन डेल्टा वेरिएंट ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. माना जा रहा है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की वजह से महामारी की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) आ सकती है. कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कई स्टडी सामने आ चुकी हैं. इस बीच एक राहत वाली खबर सामने आई है. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में ये संभावना जताई है कि मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर गंभीर नहीं होगी.
TIFR की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई (Mumbai) में कोविड -19 की तीसरी लहर के दूसरी लहर की तुलना में कम गंभीर होने की संभावना है क्योंकि शहर के लगभग 80 प्रतिशत निवासी पहले ही वायरस के संपर्क में आ चुके हैं. रिपोर्ट बताती है कि इस साल मुंबई शहर में 1 जून तक 80 फीसदी लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं. ऐसे में मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर के चरम पर पहुंचने की आशंका काफी कम है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जो लोग कोरोना की पहली लहर में संक्रमित हुए, वे एंटीबॉडी के घटते स्तर के कारण फिर से संक्रमित हो सकते हैं. टीआईएफआर स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर साइंस के डीन डॉ. संदीप जुनेजा ने कहा कि अगर शहर के 20 प्रतिशत निवासियों को जो अभी तक वायरस के संपर्क में नहीं आए हैं, उन्हें टीका लगाया जाता है, तो इससे पुन: संक्रमण के मामलों पर नजर रखने में मदद मिलेगी.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर ने मुंबई में भीषण तबाही मचाई थी. दूसरी लहर के दौरान मुंबई में एक दिन में 11 हजार से अधिक मामले सामने आए थे. ऐसे में यह खबर मुंबईकरों के लिए राहत भरी है.