COVID-19 Spike: कोरोना की रफ्तार से लॉकडाउन का डर, बड़े शहरों से एक बार फिर प्रवासी मजदूरों का पलायन
प्रवासी मजदूर (Photo: PTI)

नई दिल्ली: देश भर में कोरोना संक्रमण (COVID-19) की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. कोरोना की रफ्तार रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रही है. स्थिति दिन पर दिन भयावह होती जा रही है. इस भयावह स्थिति के बीच देशभर के कई शहरों में कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं. ऐसे में लॉकडाउन (Lockdown) के डर से प्रवासी मजदूर एक बार फिर बड़े शहरों से लौटने लगे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से दूसरों राज्यों में कमाने गए प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी हो रही है. खासकर महाराष्ट्र में काम करने वाले सैकड़ों मजदूर रोजाना यूपी-बिहार लौट रहे हैं. COVID-19: दिल्ली में खतरनाक हुआ कोरोना, तेजी से घट रहे बेड- हरिद्वार कुंभ से लौटने पर 14 दिन रहना होगा होम क्वारंटाइन. 

आलम यह है कि कई राज्यों से लगातार प्रवासी मजदूर अधिक पैसे देकर यूपी और बिहार में अपने पैतृक गांवों के लिए निकल रहे हैं. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि स्थिति भयावह होती जा रही है. लॉकडाउन लगे, इससे पहले हमलोग घर पहुंच जाना चाहते हैं.

इन प्रवासियों में से अधिकांश उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लोग हैं. प्रवासियों का कहना है कि  एक बार फिर से संपूर्ण लॉकडाउन ना लग जाए और बिना काम धंधे के ही वो इन बड़े शहरों में फंसे ना रह जाएं. प्रवासी पिछले साल की स्थिति से अभी तक डरे हुए हैं, इसलिए वे लॉकडाउन से पहले ही अपने गृह राज्य पहुंचना चाहते हैं.

मुंबई से घर लौट रहे श्रमिक

पिछले कुछ दिनों में लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) कुर्ला में यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई थी. अपने गांव वापस जाने के लिए मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंच रहे हैं.

दिल्ली से भी प्रवासियों की वापसी शुरू 

आनंद विहार बस स्टैंड पर खड़े कंडक्टर राम ब्रजेश ने आईएएनएस को बताया कि, "लोग पिछले साल के मुकाबले इस बार डरे हुए हैं. लोग सामान लेकर दिल्ली से अपने घरों की ओर निकल रहे हैं ताकि फिर लॉकडाउन न हो जाए. पिछले साल लोग पैदल, खाली पेट अपने घर रवाना हुए थे."

बस चालक प्रवेश शर्मा ने बताया, "लोगों के मन में यही चिंता है कि कहीं लॉकडाउन न लग जाए, वैसे ही रोजगार के साधन समाप्त हो चुके हैं. घर जाकर खाने पीने का इंतजाम तो कर लेंगे."