COVID-19 New Variant: देश में कोरोना रिटर्न, नए XBB1.16 वैरिएंट ने बढ़ाई टेंशन; जानें ये कितना खतरनाक
वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के पीछे कोविड-19 का XBB 1.16 वैरिएंट है. कोरोना का नया वैरिएंट XBB1.16 देश में तेजी से फैल रहा. देश में एक्टिव मरीजों की संख्या आज 7 हजार के पार है.
COVID-19 New Variant: भारत में COVID-19 के मामले इन दिनों लगातार बढ़ते जा रहे हैं. देश में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 7,026 हो गई है. पिछले 24 घंटो में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,134 नए मामले सामने आए. वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के पीछे कोविड-19 का XBB 1.16 वैरिएंट है. कोरोना का नया वैरिएंट XBB1.16 देश में तेजी से फैल रहा. देश में एक्टिव मरीजों की संख्या आज 7 हजार के पार है. इन सबके बीच जानने की जरूरत है कि XBB1.16 कितना खतरनाक है. Heart Health: दिल की सेहत पर दें ध्यान, हेल्दी हार्ट के लिए जरूरी हैं ये चीजें- आज ही खाने में करें शामिल.
XBB1.16 वैरिएंट क्या है?
XBB1.16 वैरिएंट COVID के ओमिक्रॉन वैरिएंट के रिकॉम्बिनेशन XBB वैरिएंट का वंशज है. विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि कोविड वायरस का एक नया खोजा गया XBB1.16 वैरिएंट देश भर में मामलों में मौजूदा उछाल को बढ़ा रहा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह काफी तेजी से फैलता है. वैश्विक स्तर पर XBB 1.16 के बारे में चिंताएं हैं.
आंकड़ों के अनुसार, अब तक केरल, महाराष्ट्र और गुजरात से सबसे अधिक सक्रिय COVID मामले सामने आए हैं. केंद्र ने तीन राज्यों और उनके पड़ोसी राज्यों तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक को सलाह दी है कि वे मामलों में वृद्धि को देखते हुए टेस्ट, ट्रैक, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की रणनीति का पालन करें. पांच घंटे से कम नींद लेने पर धमनियों के सिकुडने या बंद होने का जोखिम: अध्ययन.
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह अब तक पाया गया सबसे तेज फैलने वाला कोविड सब- वैरिएंट है. अगर सावधानी नहीं बरती गई तो यह काफी तेजी से फैल सकता है. "XBB.1.16 वैरिएंट XBB.1.5 की अपेक्षा 140 प्रतिशत तेजी से वृद्धि करता है जो इसे और अधिक आक्रामक बनाता है.
इन लोगों को अधिक खतरा
एम्स/आईसीएमआर कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स/जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप द्वारा जारी की गई सूची में 8 तरह के लोगों को कोविड के इस वैरिएंट का खतरा अधिक है. उन लोगों में शामिल हैं: वृद्ध या 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, हृदय रोग और कोरोनरी धमनी रोग के मरीज, डायबिटीज के मरीज, इम्यूनिटी कमजोर वाले लोग, एचआईवी पॉजिटिव, ऐसे मरीज जिन्हें फेफड़े, किडनी या लीवर की पुरानी बीमारी है, मोटापे से ग्रसित लोग और जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है.