Andhra Pradesh: COVID-19 इलाज की न्यूनतम सुविधाएं न मिलने के कम्प्लेंट पर गुंटूर कलेक्टर ने खोया आपा, डॉक्टर की गिरफ्तारी का दिया आदेश
गुंटूर कलेक्टर ने खोया आपा, (फोटो क्रेडिट्स: ट्विटर)

आंध्र प्रदेश में एक अजीब मामला सामने आया है, गुरूवार 9 सितंबर को कोविड -19 की रिव्यू बैठक के दौरान गुंटूर के जिला कलेक्टर आपे से बाहर हो गया और उसने एक डॉक्टर गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया. ख़बरों के अनुसार गुंटूर जिला कलेक्टर सैमुअल आनंद ने रिव्यू मीटिंग के दौरान नादेदला (Nadedla) के एक चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोमला नाइक (Dr Somla Naik) को बैठक में बोलने की कोशिश के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गिरफ्तार करने का आदेश दिया.

चिकित्सा अधिकारी नाइक ने उच्च अधिकारी के साथ शिकायत करने की कोशिश की, जिससे कलेक्टर को गुस्सा आ गया. इस घटना ने जल्द ही एक राजनीतिक मोड़ ले लिया क्योंकि टीडीपी महासचिव एन लोकेश (TDP General Secretary N Lokesh) ने एक 'आदिवासी' अधिकारी के प्रति घटना और व्यवहार की निंदा करते हुए ट्वीट किया.

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एन लोकेश ने ट्वीट किया, "जगन रेड्डी सरकार का एक आदिवासी अधिकारी पर अत्याचार. नरसरावपेट (Narasaraopet), गुंटूर जिले में कोरोना पर एक समीक्षा बैठक के दौरान, नादेदला के चिकित्सा अधिकारी सोमलू नायक ने सवाल किया कि न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराए बिना ही उनके जैसे अधिकारियों पर कोविड-19 के मामलों वृद्धि के लिए दोषी ठराया जा रहा है. एन लोकेश ने लिखा, 'मैं उनकी क्रूर गिरफ्तारी की निंदा करता हूं. सोमलू नायक को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए!"