COVID-19: कोरोना के JN.1 वेरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी, देश में अब तक मिले 819 केस; हो जाएं सतर्क

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट JN.1 तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में फिलहाल इस वैरिएंट के 819 मामले पाए गए हैं.

COVID-19 | Pixabay

नई दिल्ली: कोरोना वायरस का नया वेरिएंट JN.1 तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में फिलहाल इस वेरिएंट के 819 मामले पाए गए हैं. 8 जनवरी तक देश में JN.1 वेरिएंट के 819 मामले सामने आए हैं. JN.1 वेरिएंट के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में हैं. राज्यवार देखा जाए तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक 250 मामले सामने आए हैं. कर्नाटक में 199, केरल में 148, गुजरात से 36, गोवा में 49, राजस्थान में 30, तमिलनाडु और तेलंगाना से 26-26, दिल्ली से 21 और हरियाणा से एक मामले की पुष्टि हुई है. COVID-19 Guideline: वापस आता रहेगा कोविड-19, लेकिन क्या यह चिंता की बात है?

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के कुल 573 नए मरीज मिले है. इसके साथ ही सक्रिय मामलों की संख्या 4,565 हो चुकी है. अब तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में JN.1 सब वेरिएंट के मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक JN.1 वेरिएंट फिलहाल खतरनाक नहीं है लेकिन यह बेहद संक्रामक है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.

JN.1 के कारण बढ़ रहे कोरोना के मामले

भारत में कोरोना के मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस नए उछाल के पीछे जेएन.1 सब-वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का भी कहना है कि जेएन.1 का प्रसार अधिक है लेकिन यह कम जोखिम वाला है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को कोरोना से बचने के लिए सभी उपाय अपनाने चाहिए. भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और नाक और मुंह को मास्क से ढककर रखना चाहिए.

ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है JN.1

JN.1 सब-वेरिएंट ओमिक्रॉन वेरिएंट का ही एक उप-रूप है. इसे पहली बार भारत में केरल राज्य में दिसंबर 2023 में पाया गया था. तब से यह देश के कई राज्यों में फैल चुका है. WHO ने JN.1 को सब-वेरिएंट को अभी तक "चिंता का विषय" (Variant of Interest) घोषित किया है, न कि "चिंता का रूप" (Variant of Concern). इसका मतलब है कि वैज्ञानिक अभी भी इस सब-वेरिएंट का अध्ययन कर रहे हैं. यह तेजी से फैल रहा है, इसलिए सावधानी जरूरी है.

Share Now

\