कोरोना संकट के चलते जयपुर में शिक्षक मनरेगा में मजदुरी करने को मजबूर, रोजाना मिलते हैं 220 से 235 रुपये
देश में कोविड-19 के मामले रोजाना बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन 4.0 चल रहा है. लॉकडाउन के कारण आर्थिक मोर्चे पर काफी नुकसान झेलना पड़ा है. यही कारण है कि इस बार के लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने थोड़ी राहत दी है. राजस्थान के जयपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां आर्थिक समस्या का सामना कर रहे कुछ शिक्षक मनरेगा में मजदूरी करने को मजबूर हैं.
नई दिल्ली, 28 मई. देश में कोविड-19 (COVID-19 Outbreak) के मामले रोजाना बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन 4.0 (Lockdown 4.0) चल रहा है. लॉकडाउन के कारण आर्थिक मोर्चे पर काफी नुकसान झेलना पड़ा है. यही कारण है कि इस बार के लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने थोड़ी राहत दी है. जिससे आर्थिक समस्या का सामना लोगों को कम करना पड़े. कोरोना महामारी का असर छोटे से लेकर बड़े बिजनेस पर पड़ा है. कई कारखाने फैक्ट्रियां बंद हो गई है. केंद्र सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया हुआ है. इसके साथ ही सभी राज्य सरकारों को मजदूरों को मनरेगा सहित अन्य साधनों के माध्यम से काम देने का निर्देश दिया है. देश के कई हिस्सों से ऐसे मामले सामने आए हैं जब रोजगार की दिक्कत होने पर लोग अपने गृह राज्य जाने को मजबूर हैं. इसी कड़ी में राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां आर्थिक समस्या का सामना कर रहे कुछ शिक्षक मनरेगा (MGNREGA) में मजदूरी करने को मजबूर हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार राजस्थान में भी कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में स्कूल बंद हैं, ऐसे में जयपुर के पास आसलपुर जोबनेर गांव में एमए, B.Ed करे हुए कुछ शिक्षक मनरेगा में मज़दूरी करने को मजबूर हैं. दरअसल अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए ये लोग 220 और 235 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी कर रहे हैं. इस पुरे मसले पर बात करते हुए हिन्दी के शिक्षक रामअवतार सिंह ने बताया कि स्कूल में मुझे 20,000 वेतन मिलता था, यहां मुझे 235 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं. यह भी पढ़ें-मनरेगा का बजट 65 फीसदी बढ़ा, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार
ANI का ट्वीट-
उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गांव लौट रहे श्रमिकों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा के तहत गांवों में रोजगार मुहैया करवाने के उद्देश्य से इसके आवंटन में करीब 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है. मनरेगा के तहत रोजगार बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटन करने का भी ऐलान किया है.