कोरोना संकट के चलते उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राजेंद्र सिंह धामी मनरेगा में काम करने को मजबूर, सरकार से लगाई ये गुहार
कोरोना वायरस महामारी ने देश में कोहराम मचाया हुआ है. कोविड-19 से संक्रमित मामले बढ़ी तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के चलते आर्थिक मोर्चे पर बहुत नुकसान झेलना पड़ा है. इसके साथ ही आम लोगों से लेकर सभी को इससे सेक्टर पर दिक्कत का सामना करना पड़ा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें आर्थिक तंगी के चलते नामी लोग अलग-अलग काम करने को मजबूर हैं.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) महामारी ने देश में कोहराम मचाया हुआ है. कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित मामले बढ़ी तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के चलते आर्थिक मोर्चे पर बहुत नुकसान झेलना पड़ा है. इसके साथ ही आम लोगों से लेकर सभी सेक्टर को दिक्कत का सामना करना पड़ा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें आर्थिक तंगी के चलते नामी लोग अलग-अलग काम करने को मजबूर हैं. इसी कड़ी में ताजा मामला उत्तराखंड से सामने आया है. जहां कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम (Uttrakhand Wheelchair Cricket Team) के पूर्व कप्तान राजेंद्र सिंह धामी (Rajendra Singh Dhami) मनरेगा (MGNREGA) में काम करने को मजबूर हैं.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार धामी ने बताया कि एक टूर्नामेंट निर्धारित किया गया था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से स्थगित हो गया. मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह मेरी योग्यता के अनुसार मुझे नौकरी दे. यह भी पढ़ें-उत्तराखंड: कोरोना के बढ़ते संकट के बीच सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को दिए टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश
ANI का ट्वीट-
वहीं इस पुरे मामले पर डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि धामी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं दिखाई नहीं पड़ रही है. हमने जिले के स्पोर्ट्स अफसर को कहा है कि उन्हें जल्द ही पैसों की मदद करें. उन्हें मुख्मंत्री स्वरोजगार योजना या अन्य योजनाओं के तहत लाभ दिया जाएगा.
गौर हो कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 14 लाख 35 हजार 453 पहुंच गई है. केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार कोरोना की चपेट में आने से 32 हजार 771 लोगों की मौत हुई है. वहीं उत्तराखंड में कोरोना के चलते 63 लोगों की मौत हुई है. सूबे में 2,475 कोरोना के सक्रिय केस हैं. जबकि 3,566 लोग अस्पताल में इलाज कराकर ठीक हुए हैं.