कोरोना वायरस: चीनी डॉक्टरों ने भारत को किया आगाह, बोले ‘निपटने की कर लो तैयारी’
कोरोनावायरस (Photo Credits: IANS)

बीजिंग: चीन (China) के वुहान में कोरोना रोगियों (Coronavirus) का इलाज कर रहे शीर्ष चीनी चिकित्सकों ने बुधवार को अपने भारतीय समकक्षों को इस रोग की रोकथाम के लिए योजनाएं तैयार करने, अपने चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षित करने और लोगों को मास्क लगाने तथा हाथ धोने के बारे में जागरूक करने की सलाह दी.

भारत में कोरोना वायरस फैलता हुआ नजर आने के मद्देनजर चीनी चिकित्सकों ने यह सलाह दी. वुहान शहर इस रोग से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है. वहीं, भारत में अब तक कोरोना वायरस के 28 मामलों का पता चला है. Coronavirus: कोरोना वायरस ने अब तक छीनी 3200 से अधिक जिंदगियां, डब्ल्यूएचओ ने 3.4 फीसदी बताई मृत्यु दर

हुबेई प्रांत और इसकी राजधानी वुहान में पिछले दो महीनों में कोरोना वायरस के मामलों का इलाज करने के लिए चयनित चार शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों ने बुधवार को वुहान शहर से एक ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस के जरिए पहली बार विदेशी और घरेलू मीडिया से बातचीत की.

चीन में कोरोना वायरस से मंगलवार को 38 और मौतों के साथ मृतकों की कुल संख्या बढ़ कर 2981 पहुंच गई है. वहीं, दुनिया भर में इससे 3,100 से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बुधवार को यहां बताया कि मंगलवार तक चीन में कोरोना वायरस के 80,270 मामलों की पुष्टि हुई.

पीकिंग विश्वविद्यालय थर्ड हॉस्पिटल की अध्यक्ष छियाव जाई ने कहा, चीन और भारत एशिया में सर्वाधिक महत्वपूर्ण देश हैं. विशाल आबादी, संयुक्त परिवार और समान चिकित्सा प्रणाली जैसी हमारी कुछ विशेषताएं हैं.’’

दरअसल, उनसे पूछा गया था कि चीनी विशेषज्ञ अपने भारतीय समकक्षों को क्या सलाह देंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘पहली अहम जरूरत संक्रमणों का इलाज करने के लिए पर्याप्त चिकित्साकर्मियों को तैयार करने की होगी.’’

उन्होंने चिकित्साकर्मियों के प्रशिक्षण पर जोर दिया क्योंकि वुहान में कई चिकित्साकर्मियों की मौत हुई है.

उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को अवश्य ही लोगों को मास्क लगाने और हाथ धोने जैसे स्वच्छता के उपायों के बारे में जागरूक करना चाहिए.

पीकिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, आईसीयू निदेशक डॉ दु बिन ने कहा कि सफलता की कुंजी सभी संबद्ध विभागों को शामिल कर एक योजना तैयार करना है.

उल्लेखनीय है कि चीन ने वुहान में इस वायरस से निपटने के लिए 30,000 से अधिक चिकित्साकर्मियों को तैनात किया है जिनमें सेना से भी कई कर्मी हैं.