क्या धर्म के आधार पर हो रही है कोरोना मरीजों की मैपिंग? स्वास्थ्य मंत्रालय ने फेक न्यूज़ का किया भंडाफोड़
अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि कोरोना के प्रसार का नस्ल, धर्म और क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना लक्षण वाले लोगों को आगे आकर जांच कराना चाहिए ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों में संक्रमण न फैलाएं.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने सोमवार को धर्म के आधार पर कोविड-19 (Coronavirus) रोगियों की मैपिंग की बात से इनकार किया और इस संबंध में किसी भी खबर को 'निराधार, गलत और गैर-जिम्मेदार' करार दिया स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Agarwal) ने कोरोना रोगियों के धर्म-आधारित मैपिंग वाली कई मीडिया रिपोटरें पर एक प्रश्न के जवाब में कहा, "कोई भी खबर जो यह कहती है (धर्म आधारित मैपिंग) गलत है. यह बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना खबर है, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा है कि कोई भी फर्जी खबर प्रकाशित नहीं की जानी चाहिए, और तथ्यों की जांच करने के बाद खबर प्रकाशित की जानी चाहिए. हमें (खबरों के माध्यम से) भय नहीं फैलाना चाहिए. हमें इस बीमारी से मिलकर लड़ना चाहिए. मेरा अनुरोध है कि किसी को भी तथ्यविहीन खबरों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए."
अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि कोरोना के प्रसार का नस्ल, धर्म और क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना लक्षण वाले लोगों को आगे आकर जांच कराना चाहिए ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों में संक्रमण न फैलाएं. यह भी पढ़ें: कुछ खास जगहों पर कोविड-19 के अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में मामले देखे गए: स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में सोमवार सुबह 8 बजे तक कोरोनावायरस के 4,213 नए मामले सामने आए और 97 मौतें हुईं. इससे देश में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 67,152 हो गई जबकि मरने वालों की संख्या 2,206 हो गई है.