देश में तमाम लोग ऐसे हैं, जिनके अंदर कोरोना वायरस (Coronavirus) से ज्यादा भय उसके टेस्ट को लेकर रहता है. उनको लगता है कि अगर टेस्ट कराने गए तो संक्रमित नहीं भी होंगे, तो पॉजिटिव हो जाएंगे. ऐसे में लोग भयभीत भी रहते हैं. लेकिन अगर टेस्ट कराने पर आप पॉजिटिव आ जाते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने मित्रों को सूचित करना चाहिए. मित्रों को सूचित करने के लिए सोशल मीडिया (Social Media) व्हॉट्सऐप, आदि का इस्तेमाल करने से कतई न झिझकें.यह कहना है लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली के डॉ. घनश्याम पांग्टेय (Dr. Ghanshyam Pangtey) का. उनका कहना है कि पॉजिटिव आ जाने पर व्यक्ति को छिपाना नहीं चाहिए.
उन्होंने कहा कोरोना पॉजिटव (Corona Positive) आने पर सबसे पहले अपने दोस्तों को बतायें कि आप पॉजिटिव आये हैं, ताकि अगर आपके संपर्क में कोई व्यक्ति आया होगा तो वह भी टेस्ट करायेगा और ध्यान रखेगा कि उसमें लक्षण आ रहे हैं या नहीं. आम तौर इसमें बार-बार बुखार आता है, खांसी और छींक आती है.ऐसे में डॉक्टर तय करते हैं कि मरीज को घर में आईसोलेट करना है या अस्पताल में भर्ती करना है. अगर घर में आईसोलेट हो रहे हैं, तो परिवार जनों से अलग रहना है, खास कर अगर घर में कोई वृद्ध है तो उसके पास कतई मत जायें. घर में सभी का टेस्ट करायें. ध्यान रहे टेस्टिंग करके ही इस बीमारी को रोक सकते हैं. यह भी पढ़े: Kasautii Zindagii Kay: कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अब पार्थ समथान के बिना शूटिंग होगी शुरू, ये एक्टर्स होंगे सेट पर
टेस्टिंग को लेकर लोगों में भय को कैसे दूर करें
डॉ. पांग्टेय का कहना है कि कोविड बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी है. एक-दो दिन में ही पूरे परिवार में फैल जाती है। अगर एहतियात नहीं बरतेंगे, तो अपने साथ-साथ परिवार को भी संकट में डाल देंगे. लेकिन अगर कोई संक्रमित हो भी गया, तो उससे यह मत कहें कि उसने गलती की है.संक्रमित को ताने मत दें कि उसने मास्क नहीं पहना होगा. यह किसी को भी हो सकता है. बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज़ तक को कोरोना हुआ. मरीज 10 से 12 दिन में ठीक हो जाते हैं। 70 से 80 वर्ष की आयु वाले मरीज भी रिकवर हो रहे हैं, बस उनकी मॉनीटरिंग की जरूरत है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं.
अगर घर में कोरोना से किसी की मृत्यु हो जाये तो क्या करें
अगर परिवार के किसी सदस्य की कोरोना से मृत्यु हो गई है, तो जो-जो लोग उनके संपर्क में पिछले पांच-सात दिनों में आये थे, उनको तुरंत टेस्ट कराना चाहिए. डॉ. पांग्टेय के अनुसार जिस दिन आप मरीज से मिले और उसी दिन उसकी मृत्यु हो गई, तो आपको तुरंत टेस्ट नहीं कराना है। कम से कम पांच दिन बाद टेस्ट करायें. वायरस के लक्षण 5 से 10 दिन के भीतर आते हैं. जो लोग घर में थे, उनका टेस्ट तब से काउंट करेंगे जब से मृतक को संक्रमण हुआ था.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस शरीर में नाक या मुंह से प्रवेश करता है और सांस की नली से होते हुए फेफड़ों तक पहुंच जाता है. फेफड़ों में संक्रमण फैलने से कई बार मृत्यु भी हो जाती है। लेकिन कई बार यह वायरस हार्ट को भी प्रभावित करता है. खून के थक्के जमने से हार्ट अटैक तक हो जाता है. लेकिन अगर समय पर इलाज मिल जाये तो इन सबसे बचा जा सकता है और समय पर इलाज मिलने के लिए समय पर टेस्ट जरूरी है.
कभी पॉजिटिव तो कभी निगेटिव क्यों आता है टेस्ट
डॉ. पांग्टेय का कहना है कि कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव आयेगा या निगेटिव, यह निर्भर करता है कि संक्रमित होने के कितने दिनों के बाद टेस्ट करवा रहे हैं. अगर 100 पॉजिटव मरीजों में आरटीपीसीआर टेस्ट करें, तो 70 से 80 फीसदी में ही पॉजिटव आयेगा। 10 से 20% में कई बार पॉजिटिव नहीं भी आता है. इसको क्लीनिकल कोरिलेशन कहते हैं। यानी अगर उसको तेज बुखार, सर्दी-जुकाम, गला खराब था या एक्सरे में निमोनिया दिख रहा था, तो हम उसे पॉजिटिव मान कर चलते हैं, भले ही रिपोर्ट निगेटिव आये.