अधीर रंजन विवाद के आगे कांग्रेस के जीएसटी और महंगाई का बवाल पड़ा फीका
अधीर रंजन चौधरी (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली, 31 जुलाई : संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा पर जीएसटी, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर दबाव बनाए रख रही है. एक तरफ जहां, ईडी द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के कुछ सांसदों को हिरासत में लिया गया, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा कुछ विधेयकों को पारित करने में कामयाब रही. हालांकि गुरुवार को अधीर रंजन के आपत्तिजनक बयान ने मानो बीजेपी को वार के लिए नया हथियार दे दिया हो संसद में केंद्र सरकार और विपक्ष आमने-सामने रहे, जिसके कारण दोनों सदनों के विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया. जीएसटी और अन्य मुद्दों पर हंगामा करने के लिए उच्च सदन के 23 और लोकसभा के 4 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. सरकार अब अगले हफ्ते महंगाई पर चर्चा के लिए राजी हो गई है.

राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, 'हम चर्चा के लिए तैयार हैं, बावजूद इसके विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित कर रहे हैं. हम कहते रहे हैं कि हमें उम्मीद है कि जैसे ही वित्त मंत्री आएंगे, मूल्य वृद्धि पर चर्चा होगी. अधीर रंजन चौधरी की राष्ट्रपति के बारे में अपमानजनक टिप्पणी से कांग्रेस ने जो पॉइंट बनाए, वह बेअसर हो गए. अधीर ने बेशक माफी मांग ली हो, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा लगातार कांग्रेस पार्टी पर हमला कर रही है. यह भी पढ़ें : Congress MLAs Suspend: कैश कांड में फंसे झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों को पार्टी ने किया सस्पेंड

अधीर ने माफी मांगते हुए कहा, मैंने 'राष्ट्रपत्ती' शब्द का इस्तेमाल जानबूझकर नहीं किया. मैं बंगाली हूं, मेरी हिंदी उतनी अच्छी नहीं है इसलिए मुंह से गलती से निकल गया. मैं इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं. मैं माफी मांगता हूं और आपसे इसे स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं. लेकिन भाजपा चाहती है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी उनके इस बयान के लिए माफी मांगें. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि सोमवार को संसद की बैठक में हंगामा बढ़ सकता है. लोकसभा में कांग्रेस के फ्लोर लीडर अधीर रंजन चौधरी के लिए विवाद पैदा करना कोई नई बात नहीं है. राष्ट्रपति के लिए 'राष्ट्रपत्नी' शब्द के इस्तेमाल ने संसद को हिलाकर रख दिया है और यहां तक कि सोनिया गांधी को भी विवाद में खींच लिया.

उनके बयान ने पार्टी के लिए समस्या खड़ी कर दी है. भाजपा ने सोनिया गांधी से माफी की मांग की है, जबकि गांधी ने कहा है कि अधीर ने माफी मांगी है और उनका नाम अनावश्यक रूप से इस मुद्दे में घसीटा जा रहा है. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि अधीर ने बिना शर्त माफी नहीं मांगी है और सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी इसे आदिवासी मुद्दा बनाकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है जबकि कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी लोगों को असली मुद्दों से भटका रही है. पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, ''भाजपा जीएसटी, महंगाई और बेरोजगारी पर बहस से भाग रही है.''