कांग्रेस ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को पहले बताया BJP का एजेंट, विरोध के बाद बयान से मुकरी

एआईएमआईएम ने हालिया बिहार विधानसभा चुनावों में पांच सीटों पर कब्जा जमाया है. अब पार्टी नेता असदुद्दीन ओवैसी के बारे में राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति में कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के नेताओं द्वारा भी चर्चा की जा रही है, क्योंकि उनके (ओवैसी) फॉलोअर्स सोशल मीडिया पर कैम्पेन चला रहे हैं, जिससे उनकी पार्टी के राजस्थान की राजनीति में पैठ बनाने की अटकलें तेज हो गई हैं.

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credits: Facebook)

जयपुर, 25 नवंबर: एआईएमआईएम (AIMIM) ने हालिया बिहार विधानसभा चुनावों में पांच सीटों पर कब्जा जमाया है. अब पार्टी नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के बारे में राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति में कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के नेताओं द्वारा भी चर्चा की जा रही है, क्योंकि उनके (ओवैसी) फॉलोअर्स सोशल मीडिया पर कैम्पेन चला रहे हैं, जिससे उनकी पार्टी के राजस्थान की राजनीति में पैठ बनाने की अटकलें तेज हो गई हैं.

कांग्रेस (Congress) ने मंगलवार को ओवैसी को भाजपा का एजेंट करार दिया, लेकिन बाद में पार्टी इस दावे से मुकर गई. दिग्गज कांग्रेस नेता महेश जोशी (Mahesh) ने मंगलवार को ओवैसी को भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का एजेंट करार दिया था और कहा था कि वह भाजपा के निर्देश पर चुनाव लड़ते हैं. महेश जोशी ने कहा कि भाजपा के निर्देशों पर ओवैसी चुनाव लड़ते हैं और राज्य की जनता ऐसे नेताओं को नकार देगी. यह भी पढ़े:  Ghulam Nabi Azad on Party Leadership: हार को लेकर मचे अंतर्कलह पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान, कहा- लीडर बदलने से नहीं बदलेगी पार्टी, ढांचा बदलने की है जरूरत.

इस बीच, भाजपा (BJP) महासचिव अलका सिंह गुर्जर (Alka Singh Gujjar) ने इस तरह के दावों को पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया और कहा कि ओवैसी और कांग्रेस दोनों तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा, "कोई फर्क नहीं पड़ता कि अगर ओवैसी राजस्थान में प्रवेश करते हैं या राहुल गांधी (Rahul Gandhi) राज्य में प्रवेश करते हैं, लोग मोदी द्वारा किए जा रहे कार्यों को कभी नहीं भूलेंगे."

उन्होंने कहा कि लोग कांग्रेस के खोखले दावों को समझ चुके हैं और मोदी को ओवैसी से जोड़ना अब खत्म हो गया है. ओवैसी के कई फॉलोअर्स सोशल मीडिया पर कैम्पेन चला रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि एआईएमआईएम को राजस्थान लाने की जरूरत है. सोशल मीडिया पर एआईएमआईएम राजस्थान इंडिया के नाम से विभिन्न ग्रुप दिखाई दे रहे हैं जो लगातार अधिक फॉलोअर्स को आकर्षित कर रहे हैं.

अगर सूत्रों की मानें तो जयपुर में मुस्लिम मतदाता परेशान हैं, क्योंकि कांग्रेस उनके समुदाय से मेयर को लाने में विफल रही. समुदाय के नेता ओवैसी से बात कर रहे हैं और 40 मुस्लिम बहुल सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनमें जयपुर (Jaipur), सीकर (Sikar), झुंझुनू (Jhunjhunu), अलवर (Alwar), भरतपुर (Bharatpur), सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) और टोंक शामिल हैं.

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