नई दिल्ली: मी टू अभियान के तहत दस महिला पत्रकारों ने विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. अकबर इस अभियान के निशाने पर आए देश के पहले राजनीतिज्ञ हैं. ऐसा माना जा रहा है कि शुक्रवार को नाइजीरिया दौरे से लौट रहे अकबर से स्पष्टीकरण लेने के बाद ही उनके भविष्य पर मोदी सरकार फैसला लेगी. इस बीच कांग्रेस ने एम जे अकबर पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए उन्हें तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहा है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि ‘मी टू’ अभियान के तहत लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसे पत्रकार से केंद्रीय मंत्री बने एम जे अकबर सफाई दें या मंत्री पद से इस्तीफा दें. अगर उन्होंने आरोपों पर ऐसे ही चुप्पी साधे रखी तो इसका मतलब यह होगा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप सही हैं.
सुरजेवाला ने इस संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं कहा, ‘‘जिन मंत्री जी पर यह आरोप लगाया गया है वह आगे आकर अपना बयान दें कि ये आरोप सही हैं या गलत, ताकि आप (पत्रकार) भी और समाज भी किसी निर्णय पर पहुंच सके.’’
उन्होंने कहा, ‘‘और अगर वह जवाब नहीं देते या जवाब नहीं देना चाहते तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह जो व्यथा उजागर की गई है, उनमें सच्चाई है.’’ सुरजेवाले ने बताया, ‘‘ऐसे व्यक्ति को इस्तीफा देना चाहिए.’’
गौरतलब है कि शुक्रवार को सीएनएन की रिपोर्टर ने अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. पूर्व संपादक और विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर सीएनएन की रिपोर्टर मजली ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. मजली ने 'मी टू' अभियान के जरिए बताया कि साल 2007 में 'द एशियन ऐज' अखबार में इंटर्नशिप के दौरान तत्कालीन संपादक एमजे अकबर ने उन्हें ज़बरदस्ती किस किया था और अपनी जीभ उनके मुंह में डाल दी थी. मजली के मुताबिक वह उस समय 18 साल की थीं और एमजे अकबर उनके माता-पिता के करीबी दोस्त थे.