Karnataka: सीएम सिद्दारमैया ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, एफआईआर को रद्द करने की मांग की

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है.

नई दिल्ली, 14 फरवरी : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है. उनके खिलाफ यह प्राथमिकी साल 2022 में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान ब्लॉक किए गए सड़क को लेकर दर्ज की गई थी.

विशेष अनुमति याचिका में कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें सीएम सिद्दारमैया और अन्य द्वारा विशेष अदालत में मुकदमे की कार्यवाही को रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई थी. प्रत्येक याचिकाकर्ता पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की पीठ ने पिछले सप्ताह सीएम सिद्दारमैया को 26 फरवरी को एमपी\एमएलए कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने का आदेश दिया. इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने 7 मार्च को एआईसीसी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कहा है. यह भी पढ़ें : Farmers Protest: किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प, पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर बढ़ा तनाव- VIDEO

वहीं, 11 मार्च को मंत्री एमबी. पाटिल और 15 मार्च को परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी को पेश होने के लिए कहा है. कांग्रेस नेताओं को फटकार लगाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि जनता का प्रतिनिधि होने के नाते सड़क ब्लॉक करने की प्रवृत्ति बिल्कुल भी ठीक नहीं है. मामले में 14 फरवरी 2022 को बेंगलुरु हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में सीएम सिद्दारमैया और अन्य कांग्रेेस नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

बता दें कि ठेकेदार संतोष पाटिल सुसाइड मामले में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन कर तत्कालीन मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग की थी. विरोध प्रदर्शन के दौरान रेसकोर्स रोड व्यस्त होने की वजह से अस्त-व्यस्त हो गया था. इस विरोध प्रदर्शन की वजह से कई किलोमीटर तक जाम लग गया था, जिससे यात्रियों को काफी लंबे समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इसके बाद पुलिस ने रोड जाम करने और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने के आरोप में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

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