नागरिकता संशोधन बिल पर असम में बवाल, कांग्रेस ने हालात पर पीएम मोदी से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की
कांग्रेस पार्टी ने पूर्वोत्तर राज्यों के हालात को देखते हुए सरकार से मामले पर चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने पूर्वोत्तर राज्यों के हालात को देखते हुए सरकार से मामले पर चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की स्थिति परेशान करने वाली है और सेना की कार्रवाई इसका जवाब नहीं है. ऊपरी सदन में शून्य काल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने कहा कि स्थिति को टाला जा सकता था. क्या सरकार ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक(CAB) को लाने में जल्दबाजी नहीं की, जिसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अवैध गैर-मुस्लिम अप्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.
राज्यसभा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से समस्या का हल ढूंढ़ने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्रों खासकर असम, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर के लोगों को अप्रवासियों के वहां आने का भय है, जिससे उनकी संस्कृति और समाज की संरचना बिगड़ सकती है. पूर्व मंत्री ने कहा कि कई राज्य बांग्लादेश, चीन, भूटान के साथ अंतर्राष्ट्ररीय सीमा साझा करते हैं और इसलिए इन देशों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं. यह भी पढ़े: नागरिकता बिल के विरोध में असम में तनाव, सिंगर पापोन ने रद्द किया दिल्ली कॉन्सर्ट, कहा- मेरा राज्य जल रहा है
आनंद शर्मा ने कहा, "स्थिति को और बिगड़ने नहीं दिया जा सकता है.यह हम सब का कर्तव्य है. राज्यों के परिषद होने के नाते राज्यसभा का विशेष दायित्व है. हम चुप नहीं रह सकते. नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद, पूर्वोत्तर के कुछ भागों खासकर के असम में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं.
गुरुवार को, कर्फ्यू आदेश की अवहेलना पर पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई. इसबीच, राज्यसभा की कार्यवाही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान का मुद्दा उठाने के बाद स्थगित कर दी गई. सत्ता पक्ष के कुछ सांसदों ने राहुल गांधी की 'रेप इन इंडिया' टिप्पणी पर उनसे माफी की मांग की और 'राहुल गांधी माफी मांगों' के नारे लगाए. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने का आग्रह किया.