CAA Protest: दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन, कई इलाकों में कॉलिंग-इंटरेनट और SMS सेवा बंद
देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act, 2019) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच राजधानी दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं के बंद किए जाने की खबर है.
नई दिल्ली: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act, 2019) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच राजधानी दिल्ली (Delhi) के कुछ हिस्सों में वॉयस, इंटरनेट (Internet) और एसएमएस सेवाओं के बंद किए जाने की खबर है. उधर, दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन के मद्देनजर लाल किले (Red Fort) के आसपास धारा-144 लगाई गई है. साथ ही बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 18 दिसंबर को निर्देश दिया था कि स्थिति को देखते हुए उत्तर और मध्य जिलों के वौल्ड सिटी एरिया, मंडी हाउस, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, जामिया नगर, शाहीन बाग और बवाना में आज सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक वॉयस, एसएमएस, इंटरनेट सेवाएं रोक दी जाएंगी. यूपी: नागरिकता कानून के विरोध में AIMIM नेता एहतेशाम अली बाबर का भड़काऊ पोस्ट, मामला दर्ज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध के बीच दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को कथित तौर पर निलंबित किया गया है. इंटरनेट के अलावा कुछ इलाकों में एसएमएस सेवाओं के भी बंद होने की सूचना है.
दिल्ली में रहने वाले एक एयरटेल उपयोगकर्ता को नेटवर्क कंपनी ने बताया कि उनके इलाकें में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को सरकार के आदेश पर बंद किया गया है. हालांकि एयरटेल के अलावा किसी दूसरे नेटवर्क कंपनी ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
मिली जानकारी के मुताबिक लाहौरी गेट, कश्मीरी गेट और कोतवाली पुलिस थाने में भी धारा-144 लगाई गई है. साथ ही बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती की गई है. दरअसल नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में दिल्ली में आज कई राजनीतिक दल और मुस्लिम संगठन प्रदर्शन कर रहे है. जिस वजह से गुरुवार को दिल्ली के 16 मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया है.
उल्लेखनीय है कि नया नागरिकता कानून उन छह गैर-मुस्लिम समुदायों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई प्रवासियों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं. मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, प्रवासियों को भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकरण सहित अन्य सभी शर्तों को पूरा करना होगा.