मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कनकपुरा तालुक को बेंगलुरु शहरी जिले में शामिल करने पर शिवकुमार की टिप्पणी से खुद को अलग किया
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मैसूर, 25 अक्टूबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने बुधवार को कनकपुरा तालुक को बेंगलुरु शहरी जिले में शामिल करने के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान से खुद को अलग कर लिया है. सिद्दारमैया ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बेहतर होगा मीडिया इस मुद्दे पर शिवकुमार से स्पष्टीकरण मांगे. मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता, मैं इस पर उनसे चर्चा करूंगा. चूंकि उन्होंने इस मामले पर चर्चा नहीं की है, इसलिए मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या है. मैं इस मुद्दे पर कैसे टिप्पणी कर सकता हूं."

उनके खिलाफ जद (एस) नेता कुमारस्वामी नीरो की टिप्पणी पर सिद्धारमैया ने कहा, 'जब कांग्रेस-जद (एस) सरकार गिर रही थी तब कुमारस्वामी अमेरिका में बैठे थे. पूरे एक साल और दो महीने तक उन्होंने ताज वेस्ट एंड में समय बिताया. अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते समय कुमारस्वामी ने कहा था कि उनकी सरकार गिरने के लिए भाजपा जिम्मेदार है और अब वह उन पर आरोप लगा रहे हैं. सिद्दारमैया ने कहा, ''जो लोग हताश हैं वे बेकार की बातें करते हैं. बीजेपी परेशान है और कुमारस्वामी हताश हो गए हैं. राज्य में भाजपा और जद(एस) की स्थिति अंधे और अपंग की है. वे एक दूसरे पर निर्भर हो गए हैं.'' यह भी पढ़ें : संस्कारयुक्त शिक्षा से ही सशक्त और समर्थ बनेगा राष्ट्र: मुख्यमंत्री योगी

कैबिनेट विस्तार पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा. बीजेपी के आरोप कि कर्नाटक कांग्रेस आलाकमान के लिए एटीएम बन गया है, पर कहा कि एटीएम क्या है? क्या उनके पास कोई आदर और सम्मान है? ऑपरेशन लोटस चलाने और चुनाव में 20 और 25 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद वे ये आरोप लगा रहे हैं. उन्हें वह पैसा कहां से मिला? उन्हें अब इसका खुलासा करना चाहिए.

भाजपा ने कर्नाटक को दिवालियापन की स्थिति में धकेल दिया था? उन्होंने एक भी मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की योजना नहीं बनाई थी. उनके पास क्या नैतिक अधिकार है? अगर सूखे के दौरान बिजली संकट होता है, तो वे जिम्मेदार हैं. पांच वर्षों में उन्होंने एक भी मेगावाट बिजली का उत्पादन नहीं किया. हमने बिजली उत्पादन की क्षमता 16,000 मेगावाट तक बढ़ा दी. सौर ऊर्जा उत्पादन को हमने सुविधाजनक बनाया है.

सीएम ने शिक्षकों से अपने कार्यों का दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, छमाही व वार्षिक मूल्यांकन करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि ज्यादातर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय ऑपरेशन कायाकल्प से आच्छादित हो चुके हैं. जो इक्के-दुक्के रह गए हैं, वहां शिक्षक जनप्रतिनिधियों, ग्राम पंचायतों या पुरातन छात्रों से सहयोग ले सकते हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षकों को बदलते परिवेश में तकनीकी दृष्टि से भी आगे बढ़ते रहना होगा. इसमें दिया जा रहा टैबलेट काफी सहायक हो सकता है. आने वाली पीढ़ी को नया मार्ग दिखाने के लिए भी तकनीकी रूप से सक्षम होना आवश्यक है. स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब की स्थापना और टैबलेट वितरण कर सरकार इसमें अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है. आगे रहने के लिए हमेशा दो कदम आगे बढ़कर सोचना और उसके अनुरूप कार्य करना होगा.

उन्होंने इंसेफेलाइटिस और उसके नियंत्रण का उल्लेख करने के साथ स्वच्छता को लेकर बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने की भी अपील की. सीएम ने कहा कि अच्छी शिक्षा व्यवस्था वही है, जिसमें निरंतर शोध हो. इसी को ध्यान में रखकर प्री प्राइमरी के रूप में आंगनबाड़ी केंद्रों को भी जोड़ा जा रहा है. जब तीसरे साल से ही बच्चा इन केंद्रों पर आएगा तो पांचवें साल स्कूल जाने पर उसे दिक्कत नहीं होगी.