छत्तीसगढ़ सरकार हुई सख्त: अब मनमानी फीस लेने वाले प्राइवेट स्कूलों की खैर नहीं, कलेक्टर को दिए एक्शन के निर्देश
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के प्राइवेट स्कूल अब मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे. दरअसल गैर-सरकारी स्कूलों द्वारा फीस में असाधारण वृद्धि करने की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 (Chhattisgarh Non-Government School Fees Regulatory Act 2020) को सख्ती से लागू करने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के प्राइवेट स्कूल अब मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे. दरअसल गैर-सरकारी स्कूलों द्वारा फीस में असाधारण वृद्धि करने की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 (Chhattisgarh Non-Government School Fees Regulatory Act 2020) को सख्ती से लागू करने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है. देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला (Dr Alok Shukla) ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट से जूझ रहे अभिभावकों की आर्थिक स्थिति की ओर जिला कलेक्टरों का ध्यान आकृष्ट करते हुए जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर उनके जिलों में कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है. जो छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करवाए.
प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों को जल्द से जल्द कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है. पत्र में कहा गया है कि अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ रिपोर्ट प्राप्त हो रही है. इस मनमानी फीस से अभिभावकों को परेशानी हो रही है.
अधिनियम की धारा 10 की उप-धारा 8 की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि फीस में अधिकतम 8 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है. प्रधान सचिव ने कहा कि स्कूल फीस कमेटी को जिला स्तरीय कमेटी को पहले प्रस्ताव देना होगा, यदि वे फीस में 8 प्रतिशत से अधिक वृद्धि चाहते हैं. इसके अलावा उन्होंने कलेक्टरों को धारा 13 पर गौर करने के लिए कहा है, जो जिला स्तरीय कमेटी को स्कूल फीस कमेटी के खिलाफ सुनवाई का अधिकार देता है. अधिनियम की धारा 4 के अनुसार जिला कलेक्टर जिला स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष होंगे जबकि जिला शिक्षा अधिकारी सचिव होंगे.
प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने कलेक्टरों को पत्र के जरिये बताया कि उन्हें निजी स्कूलों में छात्रों और अभिभावकों के हित में फीस को विनियमित करने के लिए पर्याप्त शक्ति दी गई है. कलेक्टरों को लिखे पत्र में प्रधान सचिव ने कहा, "इसलिए आपसे निजी स्कूलों में अनियंत्रित फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल उपाय करने की अपील की जाती है, ताकि अभिभावकों को कोई परेशानी न हो."