भूपेश बघेल की अगुवाई में छत्तीसगढ़ के नाम हुआ एक और कीर्तिमान, मनरेगा में सबसे अधिक परिवारों को 100 दिनों तक रोजगार देने का बनाया रिकॉर्ड
प्रदेश में इस वर्ष अब तक 17 करोड़ 66 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है, जो मनरेगा लागू होने के बाद से सर्वाधिक है. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभागीय अधिकारियों, मनरेगा टीम और पंचायत प्रतिनिधियों की पीठ थपथपाई है
रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम) के क्रियान्वयन में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. वर्ष 2006-07 में मनरेगा (MGNREGA) के अस्तित्व में आने के बाद से प्रदेश ने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में सर्वाधिक मानव दिवस रोजगार सृजन के साथ ही इस साल सबसे अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने का नया रिकॉर्ड बनाया है. Chhattisgarh: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छत्तीसगढ़ सरकार का ऐलान, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने पर लगेगा 500 रुपये का जुर्माना
इस वर्ष अब तक पांच लाख 54 हजार 322 परिवारों को 100 दिनों का काम उपलब्ध कराया गया है. इस मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पांचवें स्थान पर है. केवल राजस्थान (Rajasthan), उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh), आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) ही इसमें प्रदेश से आगे है. इन राज्यों में मनरेगा जॉबकॉर्डधारी परिवारों की संख्या तथा भारत सरकार द्वारा निर्धारित रोजगार सृजन का लक्ष्य छत्तीसगढ़ से काफी ज्यादा है.
प्रदेश में इस वर्ष अब तक 17 करोड़ 66 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है, जो मनरेगा लागू होने के बाद से सर्वाधिक है. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभागीय अधिकारियों, मनरेगा टीम और पंचायत प्रतिनिधियों की पीठ थपथपाई है.
उन्होंने कहा कि पंच-सरपंचों की जागरूकता और मनरेगा के मैदानी टीमों की सक्रियता से इस वर्ष कोरोना काल में भी गांवों में रोजगार के पर्याप्त मौके उपलब्ध कराए गए. संकट काल में प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को भी मनरेगा के माध्यम से बड़ी संख्या में काम दिया गया है. प्रदेश में वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक पिछले पांच वित्तीय वर्षों में क्रमशः दो लाख 43 हजार, एक लाख 73 हजार, तीन लाख 23 हजार, चार लाख 28 हजार और चार लाख 18 हजार परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
इस साल अब तक यह आंकड़ा पांच लाख 54 हजार से अधिक पहुंच गया है. चालू वित्तीय वर्ष में राजनांदगाव जिले ने सबसे अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया है. वहां 47 लाख 948 मनरेगा जॉबकॉर्डधारी परिवारों को 100 दिनों का काम मिला है. बिलासपुर में 32 हजार 007, गरियाबंद में 31 हजार 350, सूरजपुर में 28 हजार 656, कबीरधाम में 26 हजार 878, कांकेर में 26 हजार 577, जशपुर में 26 हजार 276, महासमुंद में 25 हजार 951, धमतरी में 23 हजार 094, बलौदाबाजार-भाटापारा में 22 हजार 652, कोरिया में 21 हजार 999, बालोद में 21 हजार 192, मुंगेली में 21 हजार 105, बलरामपुर-रामानुजगंज में 20 हजार 975 और रायपुर में 20 हजार 731 परिवारों को 100 दिनों का काम दिया गया है.
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 18 हजार 455, जांजगीर-चांपा में 18 हजार 185, सरगुजा में 14 हजार 892, दुर्ग में 14 हजार 150, कोरबा में 13 हजार 452, बीजापुर में 12 हजार 944, रायगढ़ में 11 हजार 829, सुकमा में 11 हजार 301, कोंडागांव में दस हजार 704, बेमेतरा में 9846, दंतेवाड़ा में 8851, बस्तर में 8806 और नारायणपुर जिले में 3336 परिवारों को इस साल मनरेगा के अंतर्गत 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराया गया है.
संबंधित खबरें
ATM Theft Video: बिलासपुर में एटीएम से चोरी करने पहुंचा चोर, नहीं निकला पैसा तो कुल्हाड़ी से जमकर की तोड़फोड़, सीसीटीवी में कैद फुटेज
Chhattisgarh CM Vishnu Dev Sai: छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने ट्रेन से की यात्रा, पास बैठे देखकर पैसेंजर भी हैरान! (Watch Video)
Sukma Encounter: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों से मुठभेड़, 10 नक्सली ढेर, हथियारों का जखीरा बरामद
पत्नी द्वारा पति के धर्म और देवताओं का अपमान मानसिक क्रूरता... छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दिया रामायण, महाभारत का हावाला
\