दिवाली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में लगातार सवाल उठ रहा है कि किस तरह के पटाखे लोग फोड़े. एक तरफ जहां लोग स्वदेशी पटाखों को खरीदने और फोड़ने के लिए कह रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ चाइनीज पटाखों न फोड़ने की अपील की जा रही है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स विभाग ने अब लोगों से अपील की है कि चाइनीज पटाखों को न फोड़ें इससे प्रदूषण होता है. इसे लेकर अखबार में विज्ञापन तक दिया है.
बता दें कि खरीदारी के शौकीन लोग दिवाली में खरीदारी के दौरान अक्सर ये भूल जाते हैं कि जो उत्पाद वे खरीद रहे हैं, वे पर्यावरण पर असर डाल सकते हैं. इस बारे में थोड़ी समझदारी दिखाना पर्यावरण के लिए लाभकारी साबित हो सकता है. वहीं इस मामले में कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए दिवाली के दिन पटाखों को फोड़ने का समय तय किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था यह फैसला
गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए पटाखो की बिक्री और पटाखे जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कहा था कि पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं होगी. अदालत ने कहा कि लोग पटाखें 8 बजे से लेकर रात 10 बजे तक जला सकते हैं. अदालत ने कहा कि उन पटाखों को जलाया जा सकता है जिसका पर्यावरण पर कोई दुष्परिणाम न हो.
दिल्ली-एनसीआर बना गैस चेंबर
बता दें कि देश की राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों (एनसीआर) में को इस मौसम के पहले स्मॉग का प्रकोप झेलना पड़ा और पूरा इलाका एक तरह के गैस चेंबर में तब्दील हो गया है. अभी दिवाली आ गई है और दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता 'आपातकालीन' और 'गंभीर से भी ज्यादा घातक' की श्रेणी में पहुंच गई है. 'आपातकालीन' और 'गंभीर से भी ज्यादा घातक' श्रेणी वाली हवा में स्वस्थ लोगों को भी गंभीर समस्याएं होने लगती हैं और सामान्य गैस मास्क बेअसर हो जाते हैं.