कोलकाता, पांच नवंबर: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में गुरुवार यानि आज कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने बड़ा फैसला लेते हुए त्योहारों पर जलाए जानें वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. कोर्ट के अनुसार राज्य में इस साल पटाखों को जलाना और बेचना निषिद्ध रहेगा. इससे पहले सरकार द्वारा काली पूजा एवं दिवाली के मौके पर आतिशबाजी से परहेज करने की अपील किए जाने पर पटाखा बाजार एसोसिएशन ने बीते बुधवार को सरकार से इस कदम पर पुनर्विचार करने की अपील की थी.
'पोश्चिम बांगो आतिशबाजी उन्नयन समिति' के अध्यक्ष बबला राय ने संवाददाताओं से कहा कि यदि पटाखों के विनिर्माण और बिक्री पर रोक लग जाएगी तो राज्य में चार लाख लोगों की आजीविका दांव पर लग जाएगी. राय ने दावा किया कि उन चार लाख लोगों में से दो लाख लोग अकेले दक्षिण 24 परगना जिले के चंपाहटी और नुंगी जैसे क्षेत्रों में हैं.
Calcutta High Court bans firecrackers in West Bengal; burning and sale of firecrackers to remain prohibited this year
— ANI (@ANI) November 5, 2020
राय ने कहा, 'सरकार कुछ महीने पहले निर्णय ले सकती थी और तब नए दिशानिर्देश जारी कर सकती थी. जो अब अदालत जा रहे हैं वे पहले ऐसा कर सकते थे. उससे वे परिवार पटाखे बनाने के बाद आखिरी घड़ी में बहुत बड़ा घाटा होने से बच जाते जो पहले ही लॉकडाउन की बुरी मार झेल चुके हैं.'
राय ने कहा कि यदि पटाखों पर पूरी रोक लगा दी जाएगी तो इससे बाजार में अवैध पटाखों की भरमार हो जाएगी और वे पटाखों के 90 डेसीबल ध्वनि सीमा को धत्ता बताएंगे. उन्हेांने कहा, 'हमारे सदस्य 80-85 डेसीबल सीमा वाले पटाखे बना रहे हैं. कोई भी प्रतिबंध एक वर्ग को आतिशबाजी से नहीं रोक पाएगा.'