भारत में COVID वैक्सीन की कमी कैसे होगी दूर? केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिया जबरदस्त आइडिया, देखें वीडियो
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 (COVID-19) की दूसरी लहर अब ढलान पर है. बीते कुछ हफ़्तों से कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के नए केस मिलने की संख्या में काफी गिरावट आई है. हालांकि संक्रमितों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इस बीच सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए वैक्सीनेशन अभियान पर जोर दे रही है. हालांकि वैक्सीन की कमी की वजह से वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ रही है. पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना से 4,529 लोगों की मौत, 2 लाख 67 हजार नए मामले

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को सुझाव दिया कि कोरोना रोधी वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिये कुछ और दवा कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी जानी चाहिये. विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुये गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस बारे में आग्रह करेंगे कि देश में जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिये और दवा कंपनियों को मंजूरी देने के लिये कानून बनाया जाना चाहिये. इसमें दवा के पेटेंट धारक को अन्य दवा कंपनियों द्वारा 10 प्रतिशत रॉयल्टी देने की व्यवस्था की जानी चाहिये.

अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से कहा ‘‘यदि वैक्सीन की आपूर्ति के मुकाबले उसकी मांग अधिक होगी तो इससे समस्या खड़ी होगी. इसलिये वैक्सीन कंपनी एक की बजाय 10 को लाइसेंस दे और रॉयलटी ले. हर राज्य में पहले से 2-3 लैबोरेटरी है. उनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर भी है. फार्मूला देकर इनका उनके साथ समन्वय करके संख्या बढ़ाएं. यह काम 15-20 दिन में हो सकता है. इसके लिये वैक्सीन के मूल पेंटेंट धारक कंपनी को दूसरी कंपनियों द्वारा दस प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिये.’’ उन्होंने आगे कहा “पहले उनको कहिए कि देश में दीजिए बाद में ज्यादा हो तो निर्यात करिए. अगर आपको उचित लगे तो इस पर जरूर विचार करिए.”

वर्तमान में देश में कोरोना रोधी वैक्सीन का उत्पादन दो कंपनियां कर रही हैं. पहली भारत बायोटेक जो कोवैक्सिन वैक्सीन बना रही है और दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया जो कि कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है. जबकि देश में फिलहाल तीन वैक्सीन- कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी को ही इस्तेमाल की अनुमति मिली है. डा रेड्डीज लैब स्पुतनिक-वी का रूस से आयात कर रही है. फिलहाल देश में इसकी उपलब्धता व्यापक स्तर पर नहीं है.

उल्लेखनीय है कि कोरोना के खिलाफ देशभर में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में भारत दिन- प्रतिदिन नए रिकॉर्ड बना रहा है. है। भारत में 16 फरवरी को वैक्सीन लगने की शुरूआत हुई और अब तक कुल 18 करोड़, 58 लाख, 09 हजार 302 से भी ज्यादा लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जा चुका है. हालांकि भारत में वैक्सीनेशन काफी देर से शुरू किया गया, लेकिन इसने कई देशों को पछाड़ दिया है. अमेरिका में वैक्सीनेशन 14 दिसंबर 2020 से शुरू हुआ था. वहां 25 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है. ब्रिटेन ने 21 दिसंबर 2020 से शुरू किया और अब तक 5 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है.