लखनऊ. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन जारी है. पूर्वोत्तर से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पुरे भारत में पहुंच गया है. सीएए को लेकर यूपी में भी हिंसक प्रदर्शन देखने मिला है. इसे लेकर सूबे की पुलिस पूरी तरह सख्त नजर आ रही है और आरोपियों पर एक्शन ले रही है. दूसरी तरफ कुछ ऐसे मामले भी सामने आए है. जिससे उत्तर प्रदेश की पुलिस सवालों के घेरे में है. ताजा मामला यूपी के फिरोजाबाद से सामने आया है. इस मामले में पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने एक मृत व्यक्ति के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
बता दें कि पुलिस ने जिस बन्ने खां (Late Banne Khan) को शांतिभंग करने का खतरा जताते हुए नोटिस जारी किया है. उनकी छह साल पहले मौत हो चुकी है. पुलिस द्वारा नोटिस मिलने के बाद बन्ने खां के परिवार वालों ने उनका डेथ सर्टिफिकेट दिखाया है. साथ ही मांग करते हुए कहा कि उनके वालिद कायनात में जहां भी हैं उन्हें शांति से रहने दिया जाए. यह भी पढ़े-हिंसा के बीच नहीं मरी इंसानियत: फिरोजाबाद के हाजी कदीर ने सिपाही अजय को दंगाइयों के भीड़ से निकाला, मरहमपट्टी कर पहुंचाया थाना
यूपी पुलिस ने जारी किया मृत बन्ने खां के खिलाफ शांति भंग करने का नोटिस-
#Breaking | Crackdown on protest violence begins. Deadman along with a 90-year-old is served notice by U.P Police.
More details by TIMES NOW's Prashant. pic.twitter.com/uZZ4Q30Bbn
— TIMES NOW (@TimesNow) January 2, 2020
ज्ञात हो कि राज्य की फिरोजाबाद पुलिस की ओर से जारी नोटिस के अनुसार मृतक बन्ने खां को सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना है. इसके साथ ही नोटिस में लिखा गया है कि बन्ने खां को 10 लाख रुपये भरकर बेल लेनी पड़ेगी.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी सख्त हो गए. यूपी की बीजेपी सरकार ने हिंसा के अगले ही दिन यह घोषणा कर दी थी कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई उन्हीं उपद्रवियों से वसूली की जाएगी.