CAA: सीएए को लागू करने के लिए जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ, 53.3 प्रतिशत लोग सहमत

सर्वे में पाया गया कि मोदी सरकार के इस फैसले को ग्रामीण इलाकों के बजाय शहरी इलाकों में ज्यादा समर्थन मिला है. सर्वेक्षण से पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में लगभग 64.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सीएए को लागू करने के निर्णय का समर्थन किया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 48.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने एक ही विचार रखा.

पीएम मोदी (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 (Modi 2.0) रिपोर्ट कार्ड के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने अफगानिस्तान (Afghanistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और पाकिस्तान (Pakistan) के धार्मिक अल्पसंख्यकों जैसे कि हिंदू (Hindu), सिख (Sikh), बौद्ध (Buddhist), जैन (Jain), पारसियों (Parsi) को भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करने का फैसला सही लिया है. एबीपी-सी वोटर सर्वे में पाया गया कि 53.3 फीसदी लोगों का मानना है कि मोदी सरकार ने सीएए को लागू करने का सही फैसला लिया है, जबकि 21.8 फीसदी लोगों ने कहा कि नहीं, यह गलत फैसला था, जबकि लगभग 24.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सीएए को लागू करने के मोदी सरकार के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहा. पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए अमित शाह ने जारी किया BJP का घोषणा पत्र, CAA को लागू करने के साथ ही ये प्रमुख मुद्दे हैं शामिल

सर्वे में पाया गया कि मोदी सरकार के इस फैसले को ग्रामीण इलाकों के बजाय शहरी इलाकों में ज्यादा समर्थन मिला है. सर्वेक्षण से पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में लगभग 64.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सीएए को लागू करने के निर्णय का समर्थन किया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 48.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने एक ही विचार रखा.

शहरी क्षेत्रों में 19.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने नागरिकता कानून में किए गए नए संशोधनों का समर्थन नहीं किया, जबकि देश के ग्रामीण हिस्सों में 22.7 प्रतिशत ने नए संशोधनों का विरोध किया.

शहरी क्षेत्रों में लगभग 15.5 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 29 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने साल 2014 से पहले भारत में पड़ोसी देशों से आने वाले उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता कानून में संशोधन के समर्थन या विरोध में नहीं रहे. यह सर्वे 23 मई से 27 मई के बीच देशभर में 12,070 लोगों पर किया गया था. साल 2019 में संसद द्वारा पारित किए जाने के बाद देश ने सीएए के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध होते देखा था.

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