नई दिल्ली, 1 फरवरी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को कहा कि सरकार तेजी से जनसंख्या वृद्धि और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर व्यापक विचार के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन करेगी. उन्होंने कहा कि समिति को 'विकसित भारत' के लक्ष्य के संबंध में इन चुनौतियों से व्यापक रूप से निपटने के लिए सिफारिशें करने का काम सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र का 75वां वर्ष 'विकसित भारत' की परिकल्पना को साकार करने के लिए 'कर्तव्य काल' होना चाहिए.
उन्होंने लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा,“हम नई प्रेरणाओं, नई चेतना, नए संकल्पों के साथ राष्ट्रीय विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि देश अपार संभावनाओं और अवसरों को खोलता है. यह वास्तव में हमारा कर्तव्य काल है.” इस बात पर जोर देते हुए कि 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए राज्यों में कई सुधारों की आवश्यकता है, वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों को समर्थन देने के लिए पचास साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में पचहत्तर हजार करोड़ रुपये की घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार 'आकांक्षी जिला कार्यक्रम' के माध्यम से आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों के तेजी से विकास में राज्यों की सहायता करने के लिए तैयार है. यह भी पढ़ें : Highlights of Budget 2024: केंद्रीय बजट 2024-25 में सामाजिक न्याय, गरीब कल्याण, देश का कल्याण, ‘अन्नदाता’ का कल्याण और नारी शक्ति के अहम मुद्दे
उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वी क्षेत्र और उसके लोगों को भारत के विकास का एक शक्तिशाली चालक बनाने के लिए पूर्व के विकास पर अत्यधिक ध्यान देगी और ध्यान केंद्रित करेगी. उन्होंने कहा, "जुलाई में पूर्ण बजट में हमारी सरकार 'विकसित भारत' के लक्ष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप पेश करेगी." उन्होंने कहा कि सरकार उच्च विकास के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों को उनकी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए स्थितियां बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.